श्रीनगर: लेह में दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ट्रैक बिछाने के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे का काम जून के आखिरी हफ्ते में शुरू हो जाएगा. लेह लद्दाख में जम्मू-कश्मीर के नार्थ ईस्ट पार्ट में स्थित है जो सीवियर जीरो वेदर कंडीशन वाला इलाका है. ये लाइन बिलासपुर मनाली लेह नई ब्रॉड गेज लाइन होगी जो 498 किलो मीटर है. जब ये इलाका ठंड में देश के तमाम दूसरे हिस्से से कट जाता है.
वैसे में ये ट्रैक ना सिर्फ लेह को रेलवे से जोड़ेगा बल्कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश के मंडी, मनाली, कुल्लू, कियलॉंग, टन्डी, कोकसर, डच, उपसी और कारु को भी जोड़ेगा. इसके फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए करीब 157 .77 करोड़ रुपये आवंटित की गई है जिसका उद्घाटन रेल मंत्री 27 जून को कर सकते हैं. ये इलाका शिवालिक, ग्रेट हिमालयन और जांस्कर रेंज एरियाज में पड़ता है जो भूकम्प जोन IV और V में पड़ता है.
यहां गहरी घाटी, ऊंचा पहाड़, लैंड स्लाइड और हिमस्खलन का खतरा बना रहता है. इससे सबसे ज्यादा फायदा लेह में रहने वाली सेना को और पर्यटकों को होगा. इसके अलावा इस रेलवे लाइन के शुरू होने से वहां की सामाजिक और आर्थिक हालात भी बेहतर हो सकेगी. साथ ही ये रेल नेटवर्क चीन के qinghai तिब्बत रेल लाइन को भी पीछे छोड़ देगा.
इससे चीन की सीमा तक सेना को समान पहुंचाना आसान हो जाएगा. फिलहाल सिर्फ हिमाचल प्रदेश के कालका शिमला रुट पर ही रेलगाड़ी दौड़ती है वो भी नैरो गेज रेल लाइन पर. मतलब साफ है कि अब तक ये तमाम इलाके ब्रॉड गेज रेल लाइन से महरूम है. इसके फाइनल लोकेशन के काम को मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.