एक बार फिर संदेह के घेरे में बिहार बोर्ड, मैट्रिक में कई स्टूडेंट्स को मिले 100 में 100 अंक !

बिहार बोर्ड के मैट्रिक परीक्षा के परिणाम जारी कर दिये गये. इंटर आर्ट्स घोटाले को लेकर जिस तरह से बिहार की शिक्षा व्यवस्था की जग हंसाई हुई, उसके बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि मैट्रिक के नतीजों में किसी तरह की गड़बड़ियां देखने को नहीं मिलेंगी. मगर बोर्ड के लाख प्रयासों के बावजूद एक बार फिर से मैट्रिक के नतीजों पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं.

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एक बार फिर संदेह के घेरे में बिहार बोर्ड, मैट्रिक में कई स्टूडेंट्स को मिले 100 में 100 अंक !

Admin

  • June 23, 2017 4:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
पटना : बिहार बोर्ड के मैट्रिक परीक्षा के परिणाम जारी कर दिये गये. इंटर आर्ट्स घोटाले को लेकर जिस तरह से बिहार की शिक्षा व्यवस्था की जग हंसाई हुई, उसके बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि मैट्रिक के नतीजों में किसी तरह की गड़बड़ियां देखने को नहीं मिलेंगी. मगर बोर्ड के लाख प्रयासों के बावजूद एक बार फिर से मैट्रिक के नतीजों पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं. 
 
हालांकि, इस बार मैट्रिक परीक्षा में पास विद्यार्थियों का जो प्रतिशत दिखा है, उसे देखकर ये कहा सकता है कि बिहार बोर्ड ने मैट्रिक की कॉपी जांच में सख्ती बरती है. मगर बावजूद इसके बोर्ड एक बार फिर से सवालों के घरे में घिरती नजर आ रही है. बता दें कि इस बार करीब 50 फीसदी स्टूडेंट्स ही पास हुए हैं और 8 नंबर का ग्रेस भी दिया गये है. 
 
 
मैट्रिक के परीक्षा परिणाण पर संदेह के बादल :
 
बोर्ड एक बार फिर से सवालों के घेरे में इसलिए आ गया है क्योंकि मैट्रिक के कई छात्रों को किसी खास विषय में 100 में से 100 नंबर आये हैं. ऐसा किसी एक स्टूडेंट के साथ नहीं, बल्कि इस फेहरिस्त में कई स्टूडेंट्स हैं. इसके अलावा कई स्टूडेंट्स को 100 में से 99 नंबर भी मिले हैं. अब सवाल उठता है कि किसी स्टूडेंट को 100 में से 100 नंबर आखिर कैसे आ सकते हैं. अगर आ भी सकते हैं तो कई स्टूडेंट्स को एक साथ कैसे आ सकते हैं ?
 
 
हालांकि, बोर्ड के परीक्षा परिणाम पर से सवाल यहीं खत्म नहीं हो जाते. मैट्रिक के रिजल्ट पर संदेह के बादल इसलिए भी मंडरा रहे हैं क्योंकि मैट्रिक के टॉप 10 में जिन 7 स्टूडेंट्स ने जगह बनाई है, वो सभी जमूई के ही हैं. इंटर में भी जमूई का बेहतरीन रिजल्ट दिखा था. ठीक उसी तरह मैट्रिक में भी जमूई से इतने स्टूडेंट्स का टॉ़प 10 में जगह बनाना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है. साथ ही जमूई का ये रिजल्ट अन्य सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है.  
 
इन वजहों से  उठ रहे हैं सवाल :
 
विवाद की मुख्य वजह ये भी है कि इस बार बोर्ड की तरफ से बच्चों को पास कराने के लिए 8 नंबर ग्रेस के तौर पर भी दिये गये. बावजूद इसके बच्चों का पास प्रतिशत उतना अच्छा नहीं रहा, जितनी की उम्मीद की जा रही थी. 
 
 
रिजल्ट आने के बाद से ही मार्क्स शीट में जिस तरह से 100 में से 100 नंबर दिखे, उसके बाद से बोर्ड की गड़बड़ियों को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है. कई स्टूडेंट्स के मार्क्स शीट्स देखकर ऐसा लग रहा है कि मैट्रिक परीक्षा की कॉपी की जांच में भी इंटर की तरह ही गड़बड़ी हुई है. हैरान करने वाली बात ये है कि गड़बड़ियों को दूर करने के लिए बोर्ड ने पहले ही टॉपरों का फिजिकल वेरिफिकेशन भी कराया था. 
 
स्टूडेंट्स को सब्जेक्ट में मिले पूरे 100 में से 100 नंबर :
 
हैरान करने वाली बात ये है कि जिन कुछ स्टूडेंट्स को किसी खास सब्जेक्ट में 100 में से 100 नंबर मिले हैं, खुद उन्हें भी विश्वास नहीं हो रहा है कि आखिर उन्हें इतने नंबर उस विषय में मिले कैसे? यही वजह है कि ऐसी संभावना जताई जा रही है कि कॉपी चेक करने में शायद एक बार फिर से बिहार बोर्ड की गलती सामने आई है. 
 
 
इन सवालों को मजबूती इसलिए भी मिल रही है कि इस बार बिहार में शिक्षकों के हड़ताल के बाद कॉपी मूल्यांकन में काफी दिक्कतें आईं थीं. मगर सबसे बड़ा सवाल ये है कि बोर्ड ने गलतियों से बचने के लिए सब कुछ किया. टॉपरों का सत्यापन किया. विशेषज्ञ टीचरों द्वारा उन टॉपरों का ओरल और रिटेन टेस्ट लिया गया, तो क्या और जिन बच्चों के फुल मार्क्स पर सवाल उठ रहे हैं क्या बोर्ड का ध्यान उस पर नहीं गया. 
 
हालांकि, इन सभी संदेह और सवालों में कितनी सच्चाई और है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. मगर जिस तरह से इंटर के रिजल्ट से बिहार बोर्ड की बदनामी हुई है अगर इस बार भी इन सवालों को मजबूती मिलती है तो बिहार बोर्ड पर एक और दाग लगने की संभावना है. 

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