भरतपुर: जाट आरक्षण की मांग एक बार फिर उठ खड़ी हुई है, राजस्थान के धौलपुर और भरतपुर जिलों के जाटों ने आगरा-जयपुर रेलवे मार्ग पपरेरा के पास ट्रैक को जाम कर दिया है.
क्या है जाटों की मांग
जाटों ने सरकार से मांग की है कि वह जाट आरक्षण को लेकर लिखित में जवाब दे. जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह के अनुसार दोनों जिले के जाटों को ओबीसी में आरक्षण की अधिसूचना सरकार को शीघ्र ही जारी करनी चाहिए. इस बात पर जबतक फैसला नहीं आ जाता तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा.
पिछले काफी समय से जाट समाज सरकार ने आरक्षण की मांग कर रहा है लेकिन इस मुद्दे पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया जिस वजह से अब जाटों ने आंदोलन किया है. अमृतसर से मुंबई के लिए रवाना हुई स्वर्ण मंदिर एक्सप्रेस को जाटों ने मथुरा पर रोक दिया है. इसी के साथ मथुरा-अलवर रेलवे ट्रैक भी जाम कर दिया है.
पहली बार 1997 में जाट आंदोलन हुआ था जिसके बाद 1998 में जाटों को आरक्षण देने की घोषणा हुई थी. बता दें कि आंदोलन को लेकर पुलिस-प्रशासन भी मुस्तैद हो गई है, सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए पुलिसबल को तैनात कर दिया गया है.
जाट आंदोलन का बड़ा असर
अलवर-दिल्ली मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन बंद.
जाटों ने मथुरा-अलवर रेलवे ट्रैक किया जाम.
डीग कस्बे के बहज गांव के पास भी जाटों ने जाम किया हुआ है.
जाटों आंदोलन के समर्थन में कुम्हेर कस्बे के बाजार भी बंद हैं.
जाट आंदोलन की वजह से मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर काफी ट्रेनों के संचालन पर असर पड़ा है.