गांधीनगर. गुजरात हाईकोर्ट ने 14 साल की बलात्कार पीड़िता के गर्भपात की इजाजत के लिए उसके पिता की याचिका खारिज कर दी. न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी ने इस आधार पर अनुमति देने से इनकार कर दिया कि मौजूदा कानून 20 सप्ताह के बाद गर्भपात की इजाजत नहीं देता. इस मामले में पीड़िता का गर्भ 24 सप्ताह का है.
न्यायमूर्ति कुमारी ने साबरकांठा के जिला प्रशासन को पीड़िता की देखभाल करने और उसे एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया. लड़की के पिता ने गर्भपात की इजाजत की मांग करते हुए पिछले सप्ताह हाईकोर्ट से संपर्क किया था. वह साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में रहता है.
याचिका में कहा गया है कि लड़की जब फरवरी में ज्वर का इलाज कराने एक डॉक्टर के पास पहुंची थी, तब उसने उससे कथित बलात्कार किया था. डॉक्टर ने उसे नशीली दवा की सुई लगा दी और जब वह बेहोश हो गई, तब उसने उसके साथ कथित रूप से मुंह काला किया. पुलिस ने मामला दर्ज कर डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया.
लड़की के पिता ने गर्भपात की मांग करते हुए पहले हिम्मतनगर सत्र अदालत से संपर्क किया, लेकिन उसने उसकी याचिका खारिज कर दी, क्योंकि गर्भ 20 सप्ताह से ज्यादा का हो गया था. हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को कायम रखा.
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