महाराष्ट्र : 10वीं कक्षा के छात्रों के लिये गणित को ऑप्शनल विषय बनाने को लेकर बंबई हाई कोर्ट ने विभिन्न शिक्षा बोर्डों से विचार करने के लिए कहा है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा किया जाता है तो बिना गणित के ज्ञान के कला और दूसरे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिये प्रेरणा मिलेगी. बता दें कि जस्टिस वी एम कनाडे और ए एम बदर ने प्रमुख मनोचिकित्सक हरीश शेट्टी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया.
हाई कोर्ट में दायर याचिका में स्कूल स्तर पर छात्रों के सीखने की अक्षमता और उनकी मदद के लिये शैक्षणिक बोर्डों द्वारा उठाये गये कदमों का मुद्दा उठाया गया है. कोर्ट का मानना है कि 10वीं के बाद गणित और भाषा की परीक्षा में पास नहीं हो पाने की वजह से बहुत से छात्र पढ़ाई छोड़ देते हैं.
कोर्ट जस्टिस कानाडे ने कहा कि कला और दूसरे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में स्नातक स्तर पर गणित जैसे विषयों की जरूरत नहीं होती. छात्रों को अगर गणित की पढ़ाई नहीं करने का विकल्प मिले तो इससे उन्हें स्नातक की पढ़ाई पूरी करने में मदद मिलेगी.
हालांकि, पीठ ने शैक्षणिक बोर्डों से अपने इस सुझाव पर विभिन्न विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने को कहा है. बता दें कि इस मामले पर अब अगली सुनवाई 26 जुलाई तक टाल दी गई है.