नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक नया नारा दिया जिसे अमल में लाया जाता है तो शायद इससे काफी लोगों को फायदा मिलेगा. पीएम ने कहा कि ‘ गिव के बुक इंस्टीड ऑफ ए बुकेट’ यानी फूलों का गुलदस्ता देने से बेहतर है कि आप किसी को किताब तोहफे में दें.
केरल में रीडिंग मंथ सेलिब्रेशन इवेंट के दौरान पीएम ने कहा कि ‘ मैं लोगों से अपील करता हूं कि वो किसी को तोहफे में फूलों का गुलदस्ता ना देकर किताबें दें. इस तरह की पहल बड़ा बदलाव ला सकती है.
उन्होंने कहा कि पढ़ने से बेहतर कोई आनंद नहीं है और ज्ञान से बढ़कर कोई ताकत नहीं है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के मामले में केरल पूरे देश के लिए मिसाल है जहां साक्षरता दर 100 फीसदी है. पीएम ने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय यहां की जनता को जाता है क्योंकि सिर्फ सरकार के प्रयासों से साक्षरता दर को हासिल नहीं किया जा सकता है.