मध्य प्रदेश : अधिकारियों की लापरवाही से बारिश में सड़ गया हजारों क्विंटल धान

एक तरफ जहां देशभर में किसान फसलों के सही दाम और कर्ज माफी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं मध्य प्रदेश में किसानों के हक पर डाका डाला गया है. राज्य में जहां आए दिन किसानों की खुदकुशी की खबर सामने आ रही है तो वहीं एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे जानकर आपको भी हैरानी होगी.

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मध्य प्रदेश : अधिकारियों की लापरवाही से बारिश में सड़ गया हजारों क्विंटल धान

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  • June 17, 2017 8:43 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
सिवनी : एक तरफ जहां देशभर में किसान फसलों के सही दाम और कर्ज माफी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं मध्य प्रदेश में किसानों के हक पर डाका डाला गया है. राज्य में जहां आए दिन किसानों की खुदकुशी की खबर सामने आ रही है तो वहीं एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे जानकर आपको भी हैरानी होगी.
 
अधिकारियों की लापरवाही की वजह से राज्य के सिवनी जिले में बारिश की वजह से हजारों क्विंटल धान सड़ गया और बदबू भी मारने लगा है. सिवनी की कृषी उपज मंडी में रखा धान पिछले दो साल की बारिश में सड़ गया. 
 
जहां किसान अपनी जान गंवाने को मजबूर है तो वहीं सरकार के नुमाइंदे की लापरवाही की वजह से अन्नदाता की मेहनत मिट्टी में मिलने की कगार पर आ गई है. केंद्र और राज्य सरकार के उपक्रम विपणन संघ, नागरिक आपूर्ति निगम और मंडी की लापरवाही की वजह से गरीबों का निवाला कहा जाने वाला धान सड़कर मिट्टी में मिल गया है. 
 
 
इतने बड़े नुकसान के बाद भी कोई बड़ा कदम अभी तक नहीं लिया गया है. सरकार से खरीदा गया धान खुले आसमान में धूप और बारिश की मार सहते हुए पिछले चार साल से पड़ा हुआ है, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक इसे बचाने के लिए कोई काम नहीं किया है. 
 
इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि धान के रखरखाव की जिम्मेदारी मंडी प्रबंधन की है. उन्होंने कहा कि मंडी को स्टोरेज चार्ज दिया जाता है इसलिए इसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी उसी की है. 
 

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