जयपुर: एनसीआरबी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि इस्तगासे के जरिए मामले दर्ज कराने के मामले में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब डेढ़ लाख मामले इस्तगासे के जरिए दर्ज किए जाते हैं.
इसमें से 30 से 35 प्रतिशत मामले अकेले राजस्थान में दर्ज हुए हैं. लेकिन बड़ा सवाल ये उठता है कि जब थानों बिना पैसे के FIR दर्ज की जा सकती है तो फिर पैसे खर्च कर फरियादी कोर्ट का दरवाजा क्यों खटखटा रहे हैं. इस मामले में सीनियर अधिवक्ता एके जैन का कहना है कि इसके लिए पुलिस और न्यायालय दोनों जिम्मेदार हैं.
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अधिकांस मामले बिना न्यायालय द्वारा जांच किए सीधे थानों में दर्ज करने के लिए भेज दिए जाते हैं. इसकी बढ़ती संख्या पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने वैरिफिकेशन के बाद इस्तागासा पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. ये लापरवाही उजागर करता है कि पुलिस सिस्टम किस कदर लचर हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2014 में 58 हजार केस इस्तगासा के जरिए दर्ज हैं. जबकि 2015 में 64 मामले इस्तगासा के जरिए दर्ज हैं. राजस्थान में हर साल 60 हजार से अधिक पीड़ित कोर्ट की शरण में जाकर धारा 156 (3) के जरिए इस्तगासे से एफआईआर दर्ज करवाते हैं
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