उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद कौशांबी में एक मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और एंबुलेंस संचालकों की मनमानी के चलते एक दलित युवक को अपनी 7 महीने की मासूम भांजी का शव साइकिल पर ले जाना पड़ा.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद कौशांबी में एक मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और एंबुलेंस संचालकों की मनमानी के चलते एक दलित युवक को अपनी 7 महीने की मासूम भांजी का शव साइकिल पर ले जाना पड़ा. आरोप है कि युवक के बार-बार गुहार लगाने पर भी एंबुलेंस संचालकों ने एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया. जबकि सरकारी एंबुलेंस के ड्राइवर ने 800 रुपए की रिश्वत की मांग की.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बच्ची को उल्टी, दस्त होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके पिता पैसों का इंतजाम करने इलाहाबाद चले गए. बच्ची का मामा बृजमोहन उसका ख्याल रख रहे थे. सोमवार को दोपहर 1 बजे पूनम की मौत हो गई. परिवार वालों के पास उसे घर ले जाने का कोई साधन नहीं था, उन्होंने अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की मांग की लेकिन उन्हें वो सुविधा नहीं दी गई.
जिसके बाद बच्ची के मामा ने साईकिल से 10 किलोमीटर तक शव को कंधे पर रखकर सफर तय किया. बच्ची का नाम पूनम है और वो सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव के अनंत कुमार की बेटी थी.
दलित युवक की साइकिल पर शव ले जाने की तश्वीरें वायरल होने के बाद प्रशासन ने सरकारी अस्पताल प्रबंधन और एंबुलेंस के ड्राइवर के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. कौशांबी के जिलाधिकारी ने सीएमओ से इस मामले में जवाब-तलब किया है.
डीएम ने इसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश के साथ ही सीएमओ डॉ. एसके उपाध्याय, घटना के समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व एंबुलेंस पर केस दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. इससे पहले कौशांबी में ही 20 मई को एंबुलेंस प्रबंधकों की मनमानी के चलते और रिश्वत मांगने के कारण एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी.