अहमदाबाद : रेल कोचों में से तांबे के तार की चोरी का एक बहुत बड़ा केस पकड़ में आया है. अहमदाबाद-मुम्बई के बीच पीरियोडिक ओवर हालिंग-पीओएच के लिए भेजे जाने वाले में तांबे के तार की चोरी पकड़ने के लिए एक टीम बनाई गई थी. इस टीम ने बड़ी सफलता भी हासिल कर ली है.
9 जून को कोच नम्बर 971161 अहमदाबाद से गाड़ी सं. 59440 में लगाया गया. कोच के एक सिरे पर रात में कार्य करने वाला कैमरा लगाया गया तथा शटर के अलावा सभी दरवाजे अंदर से बंद कर दिए गए थे.
नाइट विजन कैमरे के साथ दो कर्मचारी, कांस्टेबल मुकेश मीणा तथा कांस्टेबल सीताराम, कोच के अंदर, ADI-BCT के बीच किसी भी आपराधिक गतिविधि पर दूर से निगाह रखने के लिए नियुक्त किए गए.
सूरत स्टेशन से विजय बालासाहेब नायक नाम के एक व्यक्ति ने कोच में घुसने का प्रयास किया लेकिन उस तरफ का शटर बंद होने के कारण वह सफल न हो सका, इसलिए वह भेस्तान स्टेशन पर दूसरे तरफ के वेस्टिब्यूल शटर से कोच के अंदर दाखिल हुआ. उसने पहला केबिन चेक किया और शटर बंद कर दिया. उसके बाद उसने पैनल कॉपर केबल काटने का प्रयास किया जिसके बाद उसे तुरंत ही स्टाफ ने पकड़ लिया.
विजय की सारी गतिविधि कैमरे में कैद हो रही थी. उसके बाद आईपीएफ मणिनगर श्री सिसोदिया तथा एसआईपीएफ बोईसर ने उससे पूछताछ की. उसने कुबूल किया कि वह सूरत श्रेषण के पास रहता है और सूरत से खाली AC/PC कोचों में घुसता है और केबल चुराने के बाद अप ट्रेन में भिलाड या विरार में और डाउन ट्रेन में अंकलेश्वर या वड़ोदरा में उतर जाता है.
उसने कुबूल किया कि वह पिछले दो तीन माह से एक्स्ट्रा एसी और जनरेटर कोच से केबल चुरा रहा था. उसे आगे की कार्रवाई के लिए सूरत में सौंप दिया गया है क्योंकि उसके पास वड़ोदरा, भिलाड तथा अंकलेश्वर आदि के खरीदारों की जानकारी है.