लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फसली ऋण माफी योजना को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि सभी बैंकों को यह निर्देश दे दिये जाएं कि वे राज्य सरकार का बजट पारित होने तक फसल ऋण माफी योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को ऋण अदायगी के लिए कोई नोटिस जारी नहीं करें.
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार का 2017-18 का बजट पारित होने के फौरन बाद लघु एवं सीमान्त किसानों की फसली ऋण माफी की समतुल्य धनराशि बैंकों को उपलब्ध कराते हुए किसानों को ऋण माफी सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रदान किये जाने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि राज्य में कर्ज माफी प्रमाण-पत्र 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के बीच जाकर उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत बजट पारित कराकर योजना को लागू किया जाए.
उन्होंने निर्देश दिया कि तत्काल राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक बुलाई जाए और इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित की जाए.
बता दें कि योगी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में लघु एवं सीमान्त किसानों के 31 मार्च, 2016 तक के एक लाख रुपये तक के फसली ऋण को माफ किये जाने का निर्णय लिया था.
इसके अलावा अब तक किसानों को 22160 करोड़ रुपये से अधिक के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है. साथ ही प्रदेश में इस बार चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है.