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हरियाणा में आवारा बैलों के लिए नंदीशाला बनाने में कर्मचारियों को दान का फरमान

सड़क पर घूमने वाले आवारा बैलों के लिए हरियाणा सरकार नंदीशालाएं बनाना चाहती है जिसके लिएे कर्मचारियों से पैसे दान में मांग रही है

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  • June 9, 2017 4:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार आवारा पशुओं से जुड़े अपने एक और फैसले को लेकर विवादों में है. दरअसल सड़क पर घूमने वाले आवारा गायों को गौशालाओं में भेजा जा रहा है ठीक इसी तरह अब सड़क पर घूमने वाले आवारा बैलों के लिए हरियाणा सरकार नंदीशालाएं बनाना चाहती है.
 
इसके लिए फंड इकट्ठा करने के लिए हरियाणा सरकार ने अपने तमाम विभागों के कर्मचारियों को स्थानीय डीसी के माध्यम से एक चिट्ठी लिखवाई है. जिसमें नंदीशालाओं के निर्माण और रखरखाव के लिए कर्मचारियों को पैसा दान करने के लिए कहा गया है. लेकिन इस तरह से सरकार की ओर से बैलों के रख-रखाव के लिए नंदीशाला खोलने के लिए पैसा दान के तौर पर मांगे जाने को लेकर कर्मचारियों ने नाराजगी जताई है.
 
 
 
हरियाणा कर्मचारी महासंघ के कर्मचारी नेता सुभाष लांबा ने कहा कि देश पर कोई भी प्राकृतिक आपदा या सरहद पर जवानों के साथ युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो कर्मचारी अपनी स्वेच्छा से एक या दो दिन का वेतन सरकारी फंड में दान में दे देते हैं. लेकिन जिस तरह से अब गायों और बैलों के नाम पर वेतन दान देने का फरमान हरियाणा सरकार ने सुनाया है उससे लगता है की BJP सरकार अपनी आइडियोलॉजी कर्मचारियों पर थोप रही है. 
 
मंत्री ने वॉलंटरी दरख्वास्त करार दिया
गाय को लेकर किए गए अपने ऐलानों और वादों को पूरा करने के लिए पैसा कर्मचारियों से इकट्ठा करना चाहती है. हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि सरकार ने कोई भी तुगलकी फरमान नहीं सुनाया है कि कर्मचारियों को नंदीशालाओं के निर्माण के लिए पैसा देना ही होगा. ये सिर्फ एक वॉलंटरी दरख्वास्त है जिसमें कर्मचारियों से नंदीशालाओं के निर्माण के लिए चंदा देने की बात कही गई है. ऐसी कोई जबरदस्ती नहीं है अगर कोई भी कर्मचारी अपने वेतन से पैसा दान नहीं करना करना चाहता तो वो पैसा देने से मना भी कर सकता है.
 
 
गौशाला चलाने वालों ने फैसले को ठहराया गलत
हरियाणा में गौशाला चलाने वाले लोगों ने भी सरकार के इस फैसले को गलत ठहराया है. पंचकूला में गौशाला चलाने वाले कुलभूषण गोयल के मुताबिक अगर सरकार को नंदीशालाएं खोलने के लिए पैसा इकट्ठा करना ही है तो सरकार किसी तरह का नया टैक्स लगा सकती है या आपने रेवेन्यू से भी फंड दे सकती है.
 
लेकिन इस तरह का फरमान ठीक नहीं है. हरियाणा की मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के प्रवक्ता प्रवीण अत्रे ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार गाय के नाम पर राजनीति कर रही है लेकिन गायों के उत्थान के लिए किए जाने वाले कार्यों के लिए खुद से पैसा खर्च करने को तैयार नहीं है. 

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