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बिहार के बाद सवालों के घेरे में यूपी बोर्ड, बलिया के टॉप 15 स्टूडेंट्स में 11 एक ही कॉलेज से

बिहार में अभी इंटर टॉपर घोटाले का मामला थमा भी नहीं था कि यूपी बोर्ड के परिणाम पर भी संदेह के बादल मंडराने लगे हैं. शुक्रवार को यूपी बोर्ड के परीक्षा परीणा घोषित किये गये. मगर टॉपर की लिस्ट सामने आते ही यूपी बोर्ड के रिजल्ट को भी संदेह की नजर से देखा जाने लगा है.

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  • June 9, 2017 3:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
बलिया : बिहार में अभी इंटर टॉपर घोटाले का मामला थमा भी नहीं था कि यूपी बोर्ड के परिणाम पर भी संदेह के बादल मंडराने लगे हैं. शुक्रवार को यूपी बोर्ड के परीक्षा परीणा घोषित किये गये. मगर टॉपर की लिस्ट सामने आते ही यूपी बोर्ड के रिजल्ट को भी संदेह की नजर से देखा जाने लगा है.
 
दरअसल, बलिया जिले में जिन स्टूडेंट्स ने टॉप 15 में जगह बनाया है, उनमें से 11 स्टूडेंट्स एक ही कॉलेज से हैं. और खास बात ये है कि इन टॉपर्स में सबसे ज्यादा लड़कियां ही हैं. बस यही वजह है कि एक ही कॉलेज से जिले के टॉप 15 में 11 स्टूडेंट्स का जगह बनाना इसे संदेह के घेर में ला खड़ा कर  दिया है. 
 
बता दें कि यूपी बोर्ड परीक्षा के इंटर परीक्षा परिणाम में जिस छात्रा ने पांचवां स्थान हासिल किया है, वो भी इसी कॉलेज से हैं. इसके बाद से ही इस कॉलेज को लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. कॉलेज पर संदेह के बादल इसलिए भी मंडरा रहे हैं क्योंकि कुछ लड़कों ने अपने फार्म में खुद को लड़की बताया ताकि उन्हें अपने स्कूल में ही परीक्षा देने का मौका मिले. हालांकि, मामला तूल पकड़ता देख जिला विद्यालय निरीक्षक ने कॉलेज के परीक्षा परिणाम की जांच का आश्वासन दिया है और उन्होंने कहा है कि इसके लिए समिति भी बनाई जाएगी. 
 
बता दें कि यूपी बोर्ड के इंटरमिडिएट के रिजल्ट में जिले के तिलेश्वरी देवी इंटर कालेज के स्टूडेंट्स का दबदबा रहा. जब जिले में टॉपर की सूची में इसी कॉलेज के 11 स्टूडेंट्स के नाम आए, तो लोगों में इसे लेकर तरह-तरह की बातें होने लगीं.  
 
हैरान करने वाली बात ये है कि जिले के टॉप 11 की सूची में अंकों के आधार पर कुल 30 छात्राओं में 26 सिर्फ तिलेश्वरी देवी इंटर कालेज के ही स्टूडेंट्स ने बाजी मारी है. मगर इस आश्चर्यजनक परिणाम ने इस कॉलेज को ही संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है. लोग ऐसी आशंका जाहिर कर रहे हैं कि कहीं ये बिहार इंटर आर्टस् घोटाला पार्ट टू न बन जाए.  
 
गौरतलब है कि बोर्ड के नियमों के अनुसार 90 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले छात्रों के कापियों की जांच का प्रावधान किया गया है. अब देखना होगा कि क्या है ये सिर्फ अफवाह है या फिर सच में कुछ गड़बड़ झाला है. 
 

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