पटना : बिहार बोर्ड के 12वीं के फर्जी आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार के मामले में शुक्रवार को अचानक बड़ा मोड़ आया. पिछले कई दिनों से चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामा में परिणाम के रूप में आर्ट्स टॉपर की गिरफ्तारी सामने आई है. जी हां, पटना पुलिस ने गणेश की गिरफ्तारी की है और उसके रिजल्ट को सस्पेंड कर दिया है. लेकिन गणेश की गिरफ्तारी के बाद अब स्कूल प्रबंधन पर तलवार लटक गई है.
पटना पुलिस के एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि फर्जी दस्तावेज की वजह से टॉपर गणेश को गिरफ्तार किया गया है. मगर अब बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि अगर गणेश की गिरफ्तारी फर्जी दस्तावेज की वजह से हुई है, तो अब पुलिस की नजर उसके स्कूल की ओर जरूर होगी. बता दें कि गणेश की गिरफ्तारी से पहले उसे बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड बुलाया गया था.
अब बीजेपी नेता के बेटे पर लटकी तलवार:
बिहार की लिडिंग वेबसाइट लाइव सिटीज ने अपनी इन्वेस्टिगेशन जो पाया, उसे देखकर यही लग रहा है कि अब जांच और प्राथमिकी की तलवार समस्तीपुर के चकहबीब गांव में स्थित रामनंदन सिंह जगदीश नारायण इंटर स्कूल के प्रबंधन पर भी लटक गयी है. ऐसी आशंका इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि प्रशासन जब फर्जी टॉपर स्कूल को गिरफ्तार कर सकती है, तो इतने बड़े फर्जी एडमिशन रैकेट चलाने वाले पर कार्रवाई न करे, ऐसा हो ही नहीं सकता.
लाइव सिटीज ने अपनी इन्वेस्टीगेशन में ये बात सामने लाई थी कि टॉपर गणेश ने जिस स्कूल से परीक्षा दी थी, उसके संस्थापक सचिव भाजपा के वरीय नेता जवाहर प्रसाद सिंह हैं और इस स्कूल के प्रभारी प्राचार्य उनके बेटे अभितेंद्र हैं. गणेश का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद स्कूल के भाजपा नेता के बेटे प्राचार्य अभितेँद्र भी सवालों के घेरे में आ गये हैं.
अब स्कूल के प्राचार्य अभितेंद्र पर पुलिस की नजर :
गौरतलब है कि गणेश की गिरफ्तारी के बाद समस्तीपुर के चकहबीब के रामनंदन सिंह जगदीश नारायण इंटर स्कूल के प्रभारी प्राचार्य अभितेंद्र की गिरफ्तारी भी तय हो गई है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर ने साफ तौर पर ये कह दिया है कि इस मामले में जो भी जिम्मेदार होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
फर्जी टॉपर घोटाले पर सबकी नजर तब गई, जब लाइव सिटीज की टीम ने अपनी जांच में पाया कि गणेश का घर गिरिडिह में होने के बाद उसने समस्तीपुर के सुदूर इलाके से परीक्षा दी थी. जब इस टीम ने जांच की, तो उसके रिजल्ट में इतने झोल दिखें कि पूरी देश की मीडिया इस मामले के पीछे पड़ गई और परिणाम के रूप में पिछली बार की तरह इस बार भी बिहार बोर्ड के रिजल्ट में कई गड़बड़ियां दिखीं.
ऐसे आया विवाद सामने :
हालांकि, सबसे ज्यादा गणेश को लेकर विवाद उस वक्त आया, जब उसे संगीत में 70 में से 65 मार्क्स मिले और जब उससे संगीत के बारे में पूछा गया, तो वो उसका जवाब दे पाने में पूरी तरह से विफल हो गया है. हैरान करने वाली बात ये थी कि म्यूजिक के 30 मार्क के थ्योरी में उसे 18 अंक मिले और हिंदी में 100 में से उसे 92 अंक मिले थे.
बता दें कि स्कूल के प्राचार्य अभितेंद्र के पिता जवाहर प्रसाद सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और समस्तीपुर के कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी टिकट पर 1985 और 1990 में चुनाव लड़ चुके हैं. इस स्कूल की स्थापना साल 2011 में हुई थी और इसे साल 2013 में बोर्ड से मान्यता प्राप्त हुई थी.
स्कूल के सचिव भाजपा के टिकट पर लड़ चुके हैं विधानसभा चुनाव :
स्कूल के सेक्रेट्री जवाहर प्रसाद सिंह और उनके बेटे इसलिए भी शक के दायरे में आ गये हैं कि जब भी उनसे टॉपर गणेश के बारे में पूछा गया, तो उनका जवाब टाल-मटोल करने वाला ही दिखा. जब उनसे गणेश के घर के बारे में भी पूछा गया था, तो उन्होंने इसका जवाब गोल-मटोल में दिया था. लेकिन अब जिस तरह से पुलिस ने टॉपर गणेश कुमार पर शिकंजा कसा है, उसे देखकर साफ पता चल रहा है कि किसी भी समय भाजपा नेता के बेट पर गाज गिर सकती है और पुलिस के हत्थे चढ़ सकते हैं.
गौरतलब है कि पिछले साल भी बिहार बोर्ड के रिजल्ट में बड़ा घोटाला देखने को मिला था. जिस तरह से रूबी राय प्रकरण से बिहार सरकार और बिहार की शिक्षा व्यवस्था की धज्जियां उड़ी थीं, उससे लग रहा था कि बिहार सरकार कुछ सबक लेगी, मगर फर्जी टॉपर गणेश कुमार के इस घोटाले ने एक बार फिर से बिहार बोर्ड और बिहार सरकार को सवालों के घेर में ला दिया है.