मुंबई : मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पैसे के बदले पुलिस महकमे में मनचाहे ट्रांसफर कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. क्राइम ब्रांच की यूनिट 8 ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें से एक शख्स विद्यासागर हीरमुखे है जो महानंदा डेरी का जनरल मैनेजर है.
पुलिस के मुताबिक ये गैंग मनचाहे ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए सरकारी अधिकारिओ को संपर्क करते थे. इसी क्रम में इस बार इस गैंग ने सोलापुर पुलिस हेड क्वार्टर में तैनात डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस नामदेव चव्हाण को संपर्क किया.
गिरफ्तार लोगों में से एक किशोर माली नाम के व्यक्ति ने डीसीपी नामदेव चव्हाण को संपर्क किया और बताया कि उसके गिरोह का मुंबई और दिल्ली के प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में काफी जान-पहचान है, अगर कोई भी पुलिस वाला दिल्ली, मुंबई या किसी दूसरी जगह पर पोस्टिंग चाहता है तो ये गैंग उसे मुमकिन करा सकता है.
25 मई को इस गैंग ने डीसीपी को मुंबई में ट्रांसफर कराने के लिए पैसों के लेनदेन की बातचीत के लिए विलेपार्ले इलाके के एक होटल में बुलाया था. उसी होटल के एक कमरे में किशोर माली के साथ-साथ बाकी के तीन आरोपी भी मौजूद थे. मनचाहे ट्रांसफर के लिए इस गैंग ने कीमत 10 लाख से 25 लाख तक रखी थी.
डीसीपी ने इस गैंग से हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर पुलिस में शिकायत कर दी. जिसके बाद पूरे मामले पर से पर्दा उठा. गिरफ्तार लोगों के पास से 6.70 लाख रुपए, 10 करोड़ और 40 लाख रुपये के चेक के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार का स्टाम्प और जरूरी कागजात भी बरामद किये गए हैं.