पटना: बिहार में पहले टॉपर घोटाला हुआ और अब सख्ती के नाम पर ऐसा खिलवाड़ हुआ कि IIT में पास करने वाला 12वीं में फेल कर गया. इस गड़बड़झाले में खुद नीतीश कुमार की सरकार भी उलझ गई है. हाजीपुर के अभिषेक आनंद झारखंड इंजीनियरिंग एंट्रेंस पास कर बी टेक में दाखिले की तैयारी कर रहे थे. लेकिन 12वीं बोर्ड में उन्हें फिजिक्स में महज 1 नंबर देकर फेल कर दिया गया.
दूसरा नाम है रौशन कुमार हैं. रौशन CBSE JEE की मेंस की परीक्षा पास कर गए यानी IIT को छोड़ बाकी इंजीनियरिंग कॉलेजों में इनके दाखिले का रास्ता साफ हो गया था. लेकिन JEE की जिस परीक्षा में केमिस्ट्री में सबसे ज्यादा 23 नंबर आए उसी में बिहार बोर्ड ने इन्हें महज 9 नंबर देकर फेल कर दिया. फिजिक्स में भी 4 नंबर देकर फेल किया और इंजीनियरिंग में एडमिशन का रास्ता बंद कर दिया.
तीसरा केस तो दोनों से बिल्कुल अलग हो गया. हाजीपुर के ही विशाल कुमार ने 12वीं में बायोलॉजी की बजाए मैथ्स लिया था. परीक्षा भी बायोलॉजी की नहीं मैथ्स की दी. नतीजा आया तो मार्कशीट पर मैथ्स का कहीं अता-पता नहीं था. जिस बायोलॉजी की परीक्षा तक नहीं दी थी उसमें 59 नंबर देकर पास कर दिया गया. इस तरह एक ही शहर में तीन अलग-अलग केस सामने आए.
दरअसल, नीतीश सरकार को इस बात का एहसास है कि बिहार बोर्ड से गलतियां हुई हैं. उन्हें सुधारने के लिए ही उसने छात्रों को कॉपियों की जांच फिर से कराने के लिए अर्जी देने का मौका दिया है. लेकिन इंडिया न्यूज़ को 10वीं की परीक्षा में भी किसी बड़ी गड़बड़ी की आशंका थी. लिहाजा, टीम हाजीपुर के एक ऐसे केंद्र में पहुंची जहां 10वीं की कॉपियां जांची जा रही हैं. हम ये देख कर हैरान रह गए कि यहां साइंस और मैथ्स के टीचर अंग्रेजी की कॉपियां जांच रहे थे.