पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं और अब उनके परिवार के सदस्य भी मुसीबतों में घिर रहे हैं. इसी क्रम में लालू के बड़े बेटे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की और कारण बताओ नोटिस मिल गया है.
ताजा घटनाक्रम के तहत बीपीसीएल ने तेज प्रताप को ये नोटिस एक पेट्रोल पंप के अवैध लाइसेंस के सिलसिले में जारी किया गया है. नोटिस में तेज प्रताप के पेट्रोल पंप के डीलरशिप को लेकर सवालों के जबाब मांगे गए हैं. जिसके बाद अब बिहार सरकार में मंत्री तेजप्रताप पर भी गाज गिर सकती है.
15 दिनों के भीतर मांगा जवाब
इस नोटिस में ऑइल कॉर्पोरेशन ने तेज प्रताप से इस बात का स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने किस तरह से पेट्रोल पंप का लाइसेंस हासिल किया. BPCL ने 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है. अगर 15 दिनों में तेज प्रताप जवाब नहीं दे पाते हैं तो उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती हैं और तो और उनके पेट्रोल पंप का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.
दरअसल तेज प्रताप यादव के खिलाफ शिकायत मिली थी कि पटना की व्यस्त अनीसाबाद बाइपास रोड पर बने पेट्रोल पंप का लाइसेंस गलत जानकारी देकर पाया गया है. इस शिकायत को आधार बनाकर उनके खिलाफ नोटिस जारी किया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक BPCL ने पटना के अनीसाबाद में इस पेट्रोल पंप के आवंटन के लिए 10 दिसंबर 2011 को आवेदन मंगवाए थे. जिसके लिए 12 जनवरी 2012 को तेज प्रताप ने आवेदन किया था. इसके बाद तेज प्रताप को फरवरी में ही पेट्रोल पंप की डीलरशिप भी मिल गई थी.
विवाद
हालांकि इसके बाद ही जिस जमीन के हवाले से उन्होंने इस डीलरशिप को पाया था उस पर विवाद होने लगे. इसके बाद BPCL को इस बारें में कई शिकायतें भी मिली. जानकारी के मुताबिक तेज प्रताप के छोटे भाई तेजस्वी से एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड से पट्टे पर 07 जनवरी 2012 को ये जमीन ली थी. इसके बाद 11 जनवरी 2012 को तेजस्वी ने अपने बड़े भाई तेजप्रताप को ये जमीन पट्टे पर दे दी थी.
जिसको लेकर बीपीसीएल को तेजप्रताप ने ये दोनों पट्टानामा दिया था. लेकिन एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड और तेजस्वी के बीच हुए समझौते पर गौर किया जाए तो तेजस्वी इस जमीन को किसी और दूसरे को लीज पर नहीं दे सकते थे. अब बीपीसीएल ने नोटिस में इसी पट्टेनामे को लेकर जवाब मांगा है.