नई दिल्ली: घाटी में पत्थरबाजों से निपटने के लिए कश्मीरी युवक को जीप के बोनट पर बांध कर घुमाने की घटना का आर्मी चीफ बिपिन रावत ने बचाव किया है. उन्होंने कहा कि लोग सैनिकों पर पत्थर-बम बरसा रहे हों तो जवानों को मैं मरने के लिए नहीं कह सकता.
उन्होंने कहा कि कश्मीर में इस डर्टी वार से निपटने के लिए कुछ नए तरीके खोजने की जरूरत है. मैं खुश होता अगर पत्थरबाज पत्थर फेंकने के बजाए हथियारों से फायर कर रहे होते. आर्मी चीफ ने कहा कि कश्मीर के पत्थरबाजों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
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बता दें कि आर्मी ऑफिसर मेजर गंगोई ने पिछले महीने 9 अप्रैल को कश्मीरी युवक फारूक अहमद को अपनी जीप के आगे बांधकर घुमाया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. हालांकि सेना ने इस पूरी घटना का बचाव करते हुए मेजर गंगोई को सम्मानित किया.
बाद में मेजर गंगोई का बयान भी मीडिया में आया. उन्होंने बताया कि आखिर किस हालात में वे पत्थरबाज को जीप की बोनट पर बांधने का ऑर्डर दिया था.उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर 12 लोगों की जिंदगी बचाई. इधर अलगाववादी नेताओं ने इस घटना का विरोध करते हुए प्रदर्शन भी किए.
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