जवानों पर बम फेंके जा रहे हो तो मैं उनको इंतजार करने और मरने के लिए नहीं कह सकता: आर्मी चीफ

कश्मीरी युवक को जीप के बोनट पर बांध कर घुमाने की घटना का आर्मी चीफ बिपिन रावत ने बचाव किया है

Advertisement
जवानों पर बम फेंके जा रहे हो तो मैं उनको इंतजार करने और मरने के लिए नहीं कह सकता: आर्मी चीफ

Admin

  • May 28, 2017 11:18 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: घाटी में पत्थरबाजों से निपटने के लिए कश्मीरी युवक को जीप के बोनट पर बांध कर घुमाने की घटना का आर्मी चीफ बिपिन रावत ने बचाव किया है. उन्होंने कहा कि लोग सैनिकों पर पत्थर-बम बरसा रहे हों तो जवानों को मैं मरने के लिए नहीं कह सकता.

उन्होंने कहा कि कश्मीर में इस डर्टी वार से निपटने के लिए कुछ नए तरीके खोजने की जरूरत है. मैं खुश होता अगर पत्थरबाज पत्थर फेंकने के बजाए हथियारों से फायर कर रहे होते. आर्मी चीफ ने कहा कि कश्मीर के पत्थरबाजों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- आतंकी सबजार बट की कहानी फिल्म ‘दिलजले’ के अजय देवगन से मिलती जुलती है

बता दें कि आर्मी ऑफिसर मेजर गंगोई ने पिछले महीने 9 अप्रैल को कश्मीरी युवक फारूक अहमद को अपनी जीप के आगे बांधकर घुमाया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. हालांकि सेना ने इस पूरी घटना का बचाव करते हुए मेजर गंगोई को सम्मानित किया.

बाद में मेजर गंगोई का बयान भी मीडिया में आया. उन्होंने बताया कि आखिर किस हालात में वे पत्थरबाज को जीप की बोनट पर बांधने का ऑर्डर दिया था.उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर 12 लोगों की जिंदगी बचाई. इधर अलगाववादी नेताओं ने इस घटना का विरोध करते हुए प्रदर्शन भी किए.

ये भी पढ़ें- आतंकी सबजार की मौत के बाद घाटी में बिगड़े हालात, इंटरनेट सेवाओं फिर लगी रोक

आर्मी ने दिये थे जांच के आदेश
पत्थरबाज को जीप पर बांध कर घुमाए जाने को लेकर सीएम महबूबा मुफ्ती ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. मेजर गंगोई के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी. बाद में आर्मी ने इस मेजर के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठाई थी, लेकिन उन्हें क्लीन चिट मिल गई. 

Tags

Advertisement