गुजरात सरकार राज्य में गायों की तस्करी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गायों में जीपीएस माइक्रोचिप लगाने का फैसला लिया है.
गांधीनगर: गुजरात सरकार राज्य में गायों की तस्करी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गायों में जीपीएस माइक्रोचिप लगाने का फैसला लिया है. राज्य की गायों में लगने वाली इस चीप में उनकी पूरी डिटेल भी होगी. साथ में उनके मूवमेंट की पूरी जानकारी कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी.
जानकारी के अनुसार इस माइक्रोचिप को गायों के कान में लगाई जाएगी. इससे पहले गायों की शेफ्टी के लिए पीएम मोदी ने उनका आधारकार्ड बनाने की बात कही थी. जिसके बाद गौसेवा व गोचर बोर्ड ने 30 हजार गायों में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफेकेशन डिवाइस लागने का फैसला किया है. इस माइक्रोचिप के जरिए गाय से संबधित नस्ल, आयु, दूध की मात्रा और मालिक का नाम जैसी जानकारी को स्टोर किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- क्या धार्मिक आधार पर भेदभाव करती हैं अमेरिका की फर्स्ट लेडी मनेलिया ट्रंप?
गौसेवा व गोचर विकास बोर्ड के चेयरमैन डॉ वल्लभ कथिरिया के मुताबित फिलहाल ये पूरा प्रोजेक्ट गुजरात की 200 गौशाला में करीब 50 हजार गायों में माइक्रोचिप लगाई जाएगी. बोर्ड के हिसाब ये काम अगस्त के अंत तक माइक्रोचिप लगाने का कार्य पूरा होने की संभावना है. राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 3 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट पास किया है.
इस प्रोजेक्ट को अमल में लाने के लिए बोर्ड ने गुजराज इन्फो पेट्रो लिमिटेड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. साथ में बैंगलुरु की आईटी कंपनी नैनो कर्नेल को भी इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है.
बता दें कि पिछले दिनों जिस तरह से गुजरात में गोरक्षा के नाम पर दलितों को मारा गया था या फिर गोतस्करी को लेकर पिटाई के मामले सामने आए थे वैसे में ये माईक्रोचिप काफी कारगर साबित हो सकती है. इसके जरिए पुलिस ना सिर्फ गाय के मालिक तक पहुंच पाएगी बल्कि गोहत्या को भी रोक पाएगी.