बिलासपुर : बिलासपुर स्वास्थय विभाग का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है. प्रसव पीड़ा से जूझ रही प्रसूता को अस्पताल में बेड खाली नहीं होने का हवाला देते हुए भर्ती करना तो दूर परिसर से भी चलता कर दिया गया. ऐसे में प्रसव पीड़ा सहने के बाद प्रसूता ने अपने झोंपडी में ही शिशु को जन्म दिया. हालांकि मीडिया के हस्तक्षेप के बाद अब जरूर प्रसूता को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है, लेकिन अस्पताल प्रबन्धन अब भी अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करने से बच रहा है.
बताया ज रहा है कि सिरगिट्टी लोको खोली निवासी प्रसूता मुस्कान खान को बीती रात प्रसव पीड़ा हुआ. जिसके बाद प्रसूता अपने पड़ोसियों के साथ सिरगिट्टी स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, यहाँ स्वास्थ्य केंद्र की महिला कर्मी ने प्रसूता की सोनोग्राफी रिपोर्ट मांगी. प्रसूता ने बताया कि उसकी सोनोग्राफी नहीं हुई है. वह जांच के लिए कई बार इस स्वास्थ्य केंद्र में आई थी. लेकिन किसी ने सोनोग्राफी के लिए नहीं कहा. इस पर महिला कर्मी भड़क गई और मुस्कान के साथ दुर्व्यवहार करने लगी. उसने जिला अस्पताल में डिलीवरी कराने की बात कहते हुए प्रसूता को भगा दिया.
जिला अस्पताल में भी बेड खाली नहीं होने का हवाला देते हुए उसे भर्ती न कर चलता कर दिया गया. ऐसे में रातभर प्रसव पीड़ा सहने के बाद महिला ने अपने झोंपडी में ही शिशु को जन्म दिया. मुस्कान ने बताया कि उसके पति की कुछ दिन पहले मृत्यु हो गयी है, रोजी मजदूरी कर वो अपना व अपने दो बच्चों का पालन पोषण कर रही है. बीती रात प्रसव पीड़ा होने के बाद पड़ोसियों की सहायता लेकर वो अस्पताल पहुची थी लेकिन बेड खाली नही होने की बात कहकर उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया, उल्टा दुर्व्यवहार कर भगा दिया गया.
प्रसूता को जिला अस्पताल से भगाने की बात धीरे-धीरे फैलने लगी. इसकी जानकारी जिला अस्पताल के अधिकारियों को भी लगी. जिसके बाद आनन फानन में आज प्रसूता को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया. हालांकि अस्पताल के ज़िम्मेदार अधिकारी अब भी अपनी गलती न मानने हुए उल्टे प्रसूता को ही ज़िम्मेदार मान रहे हैं. जिला अस्पताल के प्रमुख सर्जन डा एस एस वाजपेयी ने बताया कि प्रसूता के साथ कोई भी परिजन नहीं था लिहाज़ा वो खुद भर्ती नहीं हुई. बाद में डिलवरी होने के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कर डाक्टरों की निगरानी में रखा गया है जहाँ जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं.