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गुजरात: जीवन की आखिरी बाजी की तलाश में वाघेला, कांग्रेस को कहेंगे बाय-बाय!

गांधीनगर: गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में राजनितिक उठापटक तेज हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वाघेला नाराज बताए जा रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई दूसरे वरिष्ठ नेताओं को अपने ट्विटर अकाउंट से ‘अनफॉलो’ कर दिया.
ऐसे में बाघेला की नाराजगी की खबरों ने जोर पकड़ लिया है. साथ साथ उनके बीजेपी में लौटने की खबरें भी जोर पकड़ रही हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गत दिनों वाघेला से मुलाकात की थी, जिसके बाद से उनके भाजपा में शामिल होने की भी अटकलें शुरू हो गई थी ऐसे में खुद वाघेला यानी की बापू तो फिलहाल अज्ञातवास में चले गए हैं लेकिन गुजरात की राजनीति में बापू पर बबाल मचा हुआ है.
ये हैं मुश्किलें
हालांकि जुलाई में वाघेला 77 साल के हो जाएंगे. बीजेपी में 75 साल से ऊपर का कोई भी नेता चुनाव नहीं लड़ सकता, ना ही पार्टी के किसी प्रभावशाली पद पर ही रह सकता है. ऐसे में देखना होगा कि पीएम मोदी से भी वरिष्ठ वाघेला की बीजेपी में वापसी होती है या नहीं.
जानकारों की माने तो पार्टी उनके लिए उपयुक्त पद को लेकर विचार कर रही है. सूत्रों की माने तो वाघेला को केंद्रीय पीएसू या बोर्ड में अहम का अध्यक्ष पद दिया जा सकता है, और उनके बेटे को गुजरात सरकार की कैबिनेट में जगह मिल सकती है. अगर उनकी वापसी होती है तो यह विपक्षी कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान होगा.
कांग्रेस ने लगाया गुमराह करने का आरोप
कांग्रेस का आरोप है की बीजेपी लोगों को गुमराह करने के लिए मीडिया में जानबूझकर इस तरह की खबरे फैला रही है. वही बीजेपी की माने तो सफाई दे रही कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई जगजाहिर है. जिससे निपटने और छुपाने में असमर्थ कांग्रेस बीजेपी पर इस तरह के आरोप मढ रही है. बहरहाल ये कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई हो या बीजेपी का राजनितिक पासा कांग्रेस का इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है
जनसंघ से की है राजनीतिक शुरुआत
वाघेला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनसंघ से की जो बाद में जनता पार्टी बनी. बाद में जनता पार्टी टूट गई और उससे कई समूह निकले. वाघेला बीजेपी के वरिष्ठ नेता बन गए. साल 1995 में नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर पार्टी को राज्य की सत्ता में लाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई.
केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया, हालांकि दावा वाघेला को लेकर किया जा रहा था. इसके बाद वह बीजेपी के खिलाफ हो गए और एक नई पार्टी, राष्ट्रीय जनता पार्टी, की शुरुआत की. 1996 में वह गुजरात के सीएम बने. 1997 में उनकी पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया. वर्तमान में वह गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. कांग्रेस के एक नेता ने बताया, ‘वाघेला अपनी जीवन की आखिरी बाजी खेलना चाहते हैं और हाल में पंजाब चुनाव में अमरिंदर सिंह की तरह अपने हाथ खुले छोड़ दिए हैं.
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