नई दिल्ली: असम में चीन की सीमा के नजदीक एक नदी पर देश का सबसे लंबा पुल बन कर तैयार हो गया है. इस पुल की खासियत है कि किसी नदी पर बनाया गया अब तक का सबसे लंबा पुल है. ब्रह्मपुत्र नदी पर बने इस पुल की लंबाई 9.15 किलोमीटर है. इसको ढोला- सादिया नाम दिया गया है.
भारत का यह पुल चीन-भारत सीमा पर खास तौर से पूर्वोत्तर में भारत की रक्षा जरूरतों को भी पूरा करने में अहम योगदान निभा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह पुल 60 टन का वजन वहन करने में सक्षम है.
पुल पर आवाजाही शुरू होने बाद अरूणाचल प्रदेश और असम के लोगों के लिए हवाई और रेल संपर्क के अलावा सड़क सेवाएं भी मिलने लगेगी. इससे पहले महात्मा गाधी सेतू को देश का सबसे लंबा पुल था, जिसकी लंबाई 5.6 किलोमीटर व चौड़ाई 66 फीट है. लेकिन असम के इस नए पुल के गांधी सेतू दूसरे नंबर पर आ जाएगा.
950 करोड़ आया खर्च
देश के सबसे लंबे पुल को बनाने के लिए लगभग 950 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इस पुल का निर्मा 2011 में शुरू हुआ था. इस पुल के डिजाइन को ऐसा बनाया गया है जिससे मिलिट्री टैंक की आवाजाही आसान होगी. डिफेंस फोर्सेज के अलावा असम और अरुणाचल के लोगों के लिए भी यह पुल बेहत उपयोगी साबित हो सकता है.
26 मई को पीएम करेंगे उद्धाटन
इस पुल को पीएम नरेंद्र मोदी 26 मई को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. मोदी सरकार असम और अरुणाचल जैसे चीन से सटे पूर्वोत्तर राज्यों में एयर और रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर जोर दे रही है ताकि लोगों की आवाजाही को बढ़ाया जा सके.