गांधीनगर: गोधरा दंगो की पीड़ित बिल्किश बानो ने बंबई हाई कोर्ट के फैसले पर ख़ुशी जताई हैं. बिलकिस ने कहा की वो हाई कोर्ट के फैसले से खुश हैं मगर आरोपी अगर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो वो भी सुप्रीम कोर्ट की रुख करेगी. उन्हें फिलहाल हाई कोर्ट का फैसला ख़ुशी देना वाला है. बता दें की 2002 में गुजरात दंगों के दौरान 19 साल की बिलकिस के साथ रेप हुआ था.
उस वक्त वह 5 महीने की गर्भवती थीं. अपराधियों ने बिलकिस के परिवार के 14 लोगों की हत्या कर दी. दंगों के दौरान बिलकिस नीमखेड़ा में रहती थी. वह हालात खराब होने के बाद परिजनों के साथ वहां से जा रही थी, जब दंगाइयों ने उन्हें पकड़ लिया. बिलकिस के आरोपों के मुताबिक वे सबको मार रहे थे, मुझे भी मारा और कुछ देर बाद मैं बेहोश हो गई.
जब मैं होश में आई तो निर्वस्त्र थी. बच्ची की लाश पास ही रखी थी और सभी लोग गायब थे. दंगाइयों ने उन्हें भी शायद मरा हुआ समझकर छोड़ दिए थे. जब वह पुलिस के पास गईं तो उन्हें कोई मदद नहीं मिली. पुलिसवालों ने उन्हें यह कहकर डराया कि हम डॉक्टर के पास ले जाएंगे तो वह तुमको जहर की इंजेक्शन दे देगा.
वहीं दो डॉक्टरों ने भी कोई मदद नहीं की और गलत रिपोर्ट भी दी. इसके बाद बिलकिस ने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी. कोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंपा था और इसका ट्रायल भी गुजरात के बाहर कर दिया था. जिसके बाद बंबई हाई कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी है. इस लड़ाई के दौरान उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अलग-अलग रिश्तेदारों से यहां उन्हें मदद लेनी पड़ी, क्योंकि उनकी जान को खतरा हो सकता था.
सीबीआई ने की मामले की जांच
सीबीआई ने मामले की जांच के दौरान नीमखेड़ा तालुका से न केवल 12 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, बल्कि 3 मार्च 2002 को भीड़ द्वारा मारे गए लोगों के शवों को बरामद करने के लिए पन्नीवेल के जंगलों में खुदाई भी करवायी थी. इस कार्रवाई में सीबीआई चार लोगों के कंकाल बरामद करने में सफल रही थी.
मामले की पुष्टि के लिए इन कंकालों को डीएनए परीक्षण के लिए भेज दिया गया था. इस सारे लम्बे संघर्ष को एक बार फिर बिलिकिश ने आज मीडिया के सामने बयान किया और फैसले पर संतुष्टि जताई.