पुणे: नयना पुजारी गैंगरेप केस में पुणे की सत्र अदालत ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को ही तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया था. कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि इनके अपराध क्षमा के लायक नहीं हैं, जिस क्रुरता से वारदात को अंजाम दिया था वो रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर की श्रेणी में आता है. इसलिए तीनों मौत की सजा के हकदार हैं.
आपको बता दें कि पुणे की एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर नयना पुजारी को 8 अगस्त 2009 को अगवा कर बलात्कर कर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिनमें से एक सरकारी गवाह बन गया.
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पुलिस के हिसाब इस घटना को उस दौरान अंजाम दिया गया जब 8 अगस्त को दफ्तर से घर जाने के लिए खरड़ी में बस स्टॉप पर खड़ी नयना को योगेश राउत ने अपनी कार से घर की तरफ छोड़ने की बात बात का हवाला देकर अपनी कार में बैठा लिया था.
लेकिन जब नयना कार में बैठी तो योगेश अपनी कार को जंगल की तरफ मोड़ दिया. नयना को जंगल में ले जाने के बाद योगेश ने दोस्तों को भी बुला लिया और नयना के साथ सामूहिक बलात्कार कर गला घोंटकर हत्या कर दी. जिसके बाद लगभग एक महीने तक फरार रहे आरोपियों में पुलिस ने योगेश राउत, महेश ठाकुर, विश्वास कमद और राजेश चौधरी को गिरफ्तार किया.
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केस शुरू होने से पहले राजेश चौधरी सरकारी गवाह बन गया. मामले में 7 साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने योगेश राउत, महेश ठाकुर और विश्वास कमद को अपहरण, बलात्कार, हत्या के साजिश में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है.
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