प्रोफेसर का तुगलकी फरमान, गर्भवती छात्रा से कहा- पहले गर्भपात कराओ फिर कॉलेज आना

यूनिवर्सिटी की एक महिला प्रोफेसर ने गर्भवती छात्रा को पहले गर्भपात कराने फिर उसके बाद स्कूल आने का फरमान सुनाया है.

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प्रोफेसर का तुगलकी फरमान, गर्भवती छात्रा से कहा- पहले गर्भपात कराओ फिर कॉलेज आना

Admin

  • May 8, 2017 3:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
अहमदाबाद: गुजरात यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर द्वारा छात्रा को मानसिक तौर पर परेशान करने का चौकाने वाला मामला सामने आया है. जिसमें यूनिवर्सिटी की एक महिला प्रोफेसर ने गर्भवती छात्रा को पहले गर्भपात कराने फिर उसके बाद स्कूल आने का फरमान सुनाया है.
 
प्रोफेसर के फरमान को सुन परेशान हुई छात्रा ने सारी कोशिशों के बाद मामले की शिकायत पुलिस में कर दी है. यूनिवर्सिटी के मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर वैशाली आचार्य से छात्राएं इस कदर परेशान हो गई की उन्हें पुलिस की शरण लेनी पड़ी, वैशाली आचार्य पर काफी समय से छात्र छात्राओं के शोषण का आरोप लग रहा था.
 
 
महिला प्रोफेसर छात्रों से टिफ़िन मगवाती थी, फिल्मों की टिकट मगवाती थी लेकिन हद तो तब हो गई जब उन्होंने एक गर्भवती छात्रा पर गर्भपात करवाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. चौथे सेमेस्टर की इस छात्रा को एक दिन उन्होंने अन्य छात्र-छात्राओं के सामने अल्टीमेटम दे दिया की अगर कॅरियर बनाना है तो गर्भपात करवाना ही पड़ेगा.
 
बच्चा पैदा करने से उसका कॅरियर ख़तम हो जायेगा. कॉलेज आना है तो गर्भपात करवाओ, महिला प्रोफेसर की इस धमकी से छात्रा परेशान हो उठी और उसने डिपार्टमेंट के हेड डॉ पी पी प्रजापति से शिकायत की लेकिन उन्होंने बिलकुल तवज्जों नहीं दी. 
 
प्रोफेसर की धमकी, शिकायत से कुछ नहीं बिगड़ने वाला
डिपार्टमेंट हेड को शिकायत करने के बाद तो गर्भवती छात्रा की मुसीबते और बढ़ गई, वैशाली आचार्य ने अगले दिन सरेआम छात्राओं के सामने कह दिया कि पीपी प्रजापति से उनके घनिष्ठ संबंध हैं, शिकायत से उनका कुछ नहीं बिगड़ने वाला. इसलिए वो जैसा चाहती हैं विद्यार्थी वैसा ही करे. अंत मे छात्रा ने पुलिस की शरण की लेकिन उससे पहले प्रोफेसर वैशाली आचार्य ने हाई कोर्ट से 15 दिन का स्टे हासिल कर लिया.
 
 
कोर्ट जाने के बाद यूनिवर्सिटी ने लिया संज्ञान
मामला जब कोर्ट पंहुचा तब यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने मामले का संज्ञान लिया और मामले की जांच के लिए इंटरनल कमेटी ICC बनाई. कमेटी ने ने विद्यार्थियों का बयान ले लिया है लेकिन प्रोफेसर और डिपार्टमेंट हेड से अब तक कोई पूछताछ नहीं हुई हैं. दूसरी और विद्यार्थीओ में इस बात का गुसा बढ़ता देख प्रजापति ने मास्टर ऑफ़ सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट में तालेबंदी कर दी है ताकि स्टूडेंट एकत्र हो कर विरोध न कर सके , छात्रों ने इसके खिलाफ नारे बाजी और प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है 
 
वाईस चांसलर ने प्रोफेसर को किया निलंबित
इस पुरे मामले में यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर कड़े कदम उठाने की बात करते हैं, वीसी के मुताबिक गर्भपात के लिए दबाव बनाने वाली प्रोफेसर को फिलहाल निलंबित कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की बात कर रहे हैं. आपको ये भी बता दे की प्रोफेसर वैशाली आचार्य और डिपार्टमेंट हेड पीपी प्रजापति दोनों ही सोशल वेलफेयर के नहीं बल्कि इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं, इन सबके अलावा इन दोनों पर सरकारी फण्ड के दुरूपयोग के भी आरोप लगते रहे हैं.

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