महाराष्ट्र का भिलार देश का पहला किताबों वाला गांव बन गय है. सीएम देवेंद्र फडणनवीस ने आज इस गांव में लाइब्रेरी का उद्धाघट भी किया.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र का भिलार देश का पहला किताबों वाला गांव बन गय है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आज इस गांव में लाइब्रेरी का उद्धाघट भी किया. भिलार एक ऐसा गाव है जहां की स्ट्रॉबेरी वर्ल्डफेमस है, लेकिन अब ये गांव किताबों का गांव के नाम से जाना जाएगा.
इस गांव की सबसे बड़ी खासियत ये होगी कि यहां आने वाले टूरिस्टों को मनचाही किताब पढ़ने के लिए मिलेंगी. भिलार को महाबलेश्वर के नाम से भी जाना जाता है. इसको महाराष्ट्र का मिनी कश्मीर भी कहा जाता है. शासन ने यहां आने वाले पर्यटकों की जरूरतों को देखते हुए पूरे गांव को ही लाइब्रेरी में बदलने का फैसला किया है.
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मतलब अब इस गांव के हर घर में एक लाइब्रेरी मिलेगी. सबसे बड़ी और खास बात ये है कि यहां की लाइब्रेरी में उन सभी किताबों को रखा जाएगा जिसे लोग ज्यादा पसंद करते है. हालांकि अभी भी किताबों को लाइब्रेरी में रखने का कार्य तेजी से किया जा रहा है. गुरुवार 4 मई को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लाइब्रेरी का शुभारंभ किया.
पंचगनी से लगभग 8 किलोमीटर दूर तकरीबन 2 किमी में फैले इस गांव में तीन मंदिर, लॉज और होटलों को मिलाकर कुल 25 जगहों पर लाइब्रेरी बनाई गई है. इस गांव को सजाने और पर्यटकों को लुभाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 75 अलग-अलग कलाकारों को गांव की 25 जगहों को पेंटिंग करने का निर्देश भी दिया है.
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सरकार ने कहा है उस जगह को उसकी हिसाब से पेंट किया जाए जिस सबजेक्ट की किताबें वहां रखनी हो. इस गांव में नेत्रहीन लोगों ने के लिए ब्रेल लिपी में लिखी गई किताबें उपलब्ध कराई गई है.