सहारनपुर : यूपी का सहारनपुर जिला एक बार फिर जातीय हिंसा की आग में जल उठा. शुक्रवार को महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर निकाली गई शोभा यात्रा को लेकर ठाकुरों और दलितों में टकराव हो गया. इस टकराव में ठाकुरों ने दलितों के साथ मारपीट की और करीब दो दर्जन घरों में आग लगा दी.
सूत्रों के अनुसार इस पूरे बवाल कुल 5 लोगों के मरने की खबरें आ रही है, जिनमें 3 दलित और 2 ठाकुर शामिल हैं. हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में भारी पुलिसबल तैनात कर दिया है. इलाके में अभी तनाव का माहौल है.
दलितों का आरोप है कि ठाकुर पक्ष के लोगों द्वारा महाराणा प्रताप की शोभायात्रा निकाली जा रही थी. यह काफिला जब दलित बस्ती के पास से गुजरा तब वहां मौजूद बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति को उपद्रवियों ने तोड़ते हुए बवाल शुरू कर दिया. यहां रविदास मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई. इतना ही नहीं ठाकुर पक्ष के उपद्रवियों ने खुलेआम तलवार लहराते हुए पथराव किया.
संघर्ष की सूचना मिलते ही डीएम एनपी सिंह, एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे और जिलेभर की फोर्स मौके पर पहुंच गई और उन्होंने बिगड़ते हालात को संभाला. डीआईजी जेके शाही भी मौके पर पहुंच गए थे. घटना में घायल हुए सात लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है, करीब 20 लोगों के घायल होने की सूचना है.
इससे पहले 14 अप्रैल को भी ठाकुर पक्ष के लोगों ने बवाल काटा था. यहां बाबा साहब की मूर्ति का अनावरण होना था. लेकिन ठाकुरों को यह रास नहीं आया और उन्होंने बवाल काटा. आपको बता दें कि
सहारऩपुर के ही सड़क दूधली गांव में भाजपा नेताओं द्वारा प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र से अंबेडकर जयंती निकाली गई थी इसे लेकर वहां भारी हंगामा हुआ था. बीजेपी सांसद की अगुवाई में एसपी के घर तोड़फोड़ की गई थी. इसमें सामने आया था कि इस शोभायात्रा के जरिए दलित मुस्लिमों के बीच फसाद कराकर सांप्रदायिक दंगा पैदा करने की साजिश रची गई थी.