रांची: सिस्टम और सरकार के खिलाफ बंदूक उठाकर जंगलों से सुरक्षा बलों पर गुरिल्ला हमले करने वाले माओवादियों के बिहार और झारखंड के रीजनल कमांडर नकुल यादव ने गुरुवार को रांची में सरेंडर कर दिया. 15 लाख के ईनामी नक्सल कमांडर नकुल पर लेवी वसूली के जरिए अपने परिवार के नाम पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है.
नकुल यादव के साथ नक्सलियों के जोनल कमांडर मदन यादव ने भी सरेंडर किया है जिस पर 5 लाख की ईनाम था. पुलिस वालों ने नकुल यादव और मदन यादव को उनके ऊपर घोषित ईनाम की राशि का चेक सरेंडर समारोह में ही सौंप दिया. नकुल यादव को हजारीबाग स्थित ओपन जेल में रखा जाएगा.
हजारीबाग के ओपन जेल में रखा जाएगा नकुल यादव
हजारीबाग में सरकार ने ओपन जेल बना रखा है जहां रखे गए कैदी के पास परिवार के साथ रहने की सुविधा होती है. इसके अलावा वो दिन भर कहीं भी कमाई के लिए जाकर काम कर सकता है और रात में वापस ओपन जेल में आ जाता है. आम तौर पर इस जेल में सरेंडर किए गए दुर्दांत लोगों को ही रखा जाता है.
नकुल यादव की निशानदेही पर पुलिस ने एलएमजी, एके 47, एसएलआर, इंसास, रायफल, वॉकी टॉकी, 32 मैगजीन और 3000 राउंड से ज्यादा गोलियां बरामद की हैं. नकुल और मदन यादव ने रांची के डीआईजी अमोल वी होमकर के सामने सरेंडर किया जहां राज्य के एडीजी आरके मल्लिक के अलावा CRPF के आईजी संजय एस लाठकर समेत बड़ी संख्या में सीनियर पुलिस अधिकारी मौजूद थे.
लेवी वसूली के पैसों से परिवार के नाम पर जुटाई अकूत संपत्ति
नकुल यादव पर पुलिस और परिवार की तरफ से सरेंडर का दबाव बहुत ज्यादा था क्योंकि नोटबंदी के बाद इसके भाई रोहित यादव को 25 लाख नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था. उस गिरफ्तारी के बाद ही जांच में पता चला कि नकुल ने लेवी के पैसे से पत्नी और भाई के नाम से बेहिसाब संपत्ति जुटाई है. सरकार ने ये सारी संपत्ति जब्त करने का फैसला किया था.
पुलिस की जांच में नकुल के परिवार के पास चतरा के कुंदा व प्रतापपुर में 27 एकड़, मैकलुस्कीगंज में 10 डिसमिल जमीन, मैकलुस्कीगंज में भाई रोहित यादव के नाम पर एक करोड़ का मकान, पत्नी के नाम बैंक में 10 लाख रुपये, भाई के बैंक खाते में 61 लाख रुपये और 5 जेसीबी का पता चला था.