कर्नाटक: सुप्रीम कोर्ट में गौरक्षक दलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका का मामला चल रहा है. इस मामले में कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. जवाबी हलफनामे में कर्नाटक सरकार ने कहा कि गुड फेथ में कोई भी व्यक्ति गाय, भैंस व उनके बछड़ों की रक्षा के लिए कार्रवाई कर सकता है.
कर्नाटक सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि कर्नाटक प्रिवेंशन आफ काऊ स्लाटर एंड कैटल प्रिजरवेशन एक्ट 1964 का नियम 15 संवैधानिक है. और इसके तहत अथॉरिटी के अलावा राज्य में कोई भी व्यक्ति गुड फेथ में पशुओं की स्लॉटरिंग या अवैध रूप से ट्रांसपोर्टे करने की गतिविधियों पर कार्रवाई कर सकता है.
बता दें कि कर्नाटक में अभी तक ऐसे दो ही क्रिमिनल केस हुए हैं, जिनमें पुलिस कारवाई कर रही है. इसके अलावा, राज्य सरकार गायों व पशुओं की देखरेख के लिए 81 गौशालाओं को वित्तीय सहायता भी दे रही है. 2015-16 में सात करोड़ रुपये दिए गए, जबकि इस साल भी यही बजट रखा गया है.
दरअसल गौरक्षा के नाम पर बने संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 6 राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
बता दें कि गुजरात, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक को जवाब दाखिल न करने पर नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका तहसीन पूनावाला ने गौरक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ दाखिल की थी. याचिका में कहा गया है कि देश में कुछ राज्यों में गौरक्षा दलों को सरकारी मान्यता मिली हुई है, जिससे इनके हौंसले बढ़े हुए हैं.