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वाराणसी : न्याय के लिए भटक रहीं छात्राओं ने पीएम मोदी को लिखी खून से चिट्ठी

वाराणसी: प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में नर्सिंग की छात्रायें न्याय के लिए दर-दर भटक रही हैं. न्याय की आस में छात्राओं ने आज अपने खून से प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाईं. बताया जा रहा है कि ये छात्राएं इस मामले में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर वाराणसी […]

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  • April 19, 2017 12:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

वाराणसी: प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में नर्सिंग की छात्रायें न्याय के लिए दर-दर भटक रही हैं. न्याय की आस में छात्राओं ने आज अपने खून से प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाईं. बताया जा रहा है कि ये छात्राएं इस मामले में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर वाराणसी के तमाम आलाधिकारियों के चक्कर काट चुकी हैं, लेकिन अब तक इन छात्राओं को न्याय नहीं मिल सका है.  

वाराणसी के DLW स्थित एपेक्स नर्सिंग कॉलेज द्वारा छात्राओं के साथ धोखाधड़ी के मामले में सूबे के तेज-तर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार तक शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही न होने से नाराज नर्सिंग छात्राओं ने आज अंतिम उम्मीद के साथ रविन्द्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री के जनसम्पर्क कार्यालय पहुंची. कार्यालय के बाहर बैठ अपने खून से प्रधानमंत्री को खत लिख न्याय की गुहार लगाई है. छात्राओं ने इस मामले ने प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करनी की मांग की है. छात्राओं की मांग है कि प्रशासन, कॉलेज द्वारा ली गयी उनकी फीस की वापसी कराये और कॉलेज प्रशासन पर कार्यवाही करे. 

आपको बता दें की छात्राओं ने 10 दिन पूर्व अपनी मांगों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ पहुंची थी, मगर उनकी मुलाकात सीएम से तो नही हुई. हालांकि, उनके सचिव ने अपना कांटेक्ट नम्बर देकर यह भरोसा दिलाया कि उन्हें न्याय मिलेगा. इस मामले में कमिश्नर वाराणसी नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा था कि वो मामले की जाँच कर न्याय करेंगे, मगर बाहुजूद इसके छात्राओं को अब तक न्याय नहीं मिला है. 
 
छात्राओं का आरोप है कि डीएम और कमिश्नर के सुर बदल गए हैं और उनका कहना है कि जिसे पढ़ना हो, वह पढ़े लेकिन फ़ीस वापस नही करेंगे. छात्रों ने कहा कि अब इन अधिकारियों से न्याय की उम्मीद टूट गई है. इसलिए वे पीएम मोदी तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं. छात्रों ने कहा कि यदि इससे भी उन्हें न्याय नहीं मिला तो अब वे सभी न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगी.

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