कौशांबी. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह जिले कौशांबी के मंझनपुर विकास खंड कार्यालय में कार्यरत सहायक विकास अधिकारी सहकारिता रईस उज्जम ने प्रधानमंत्री आवास योजना और लोहिया आवास में भ्रष्टाचार की रिपोर्ट शासन और जिलाधिकारी को क्या भेज दी उल्टे उनके ही लेने-देने के पड़ गए.
कौशांबी के डीएम अखंड प्रताप ने पहले तो ग्राम विकास अधिकारी को तुरंत निलंबित कर दिया उसके बाद वह मुख्य विकास अधिकारी के साथ एदिलपुर गांव में मामले की जांच के लिए पहुंच गए.
वहां पर वह एडीओ रईस उज्जम से नाराज हो गए और फटकार लगाते हुए सबके सामने कहने लगे ‘मीडिया को और बयान दो तुम्हारे खिलाफ उल्टा विभागीय कार्रवाई करुंगा.’ डीएम के मुंह से ऐसी बात सुनकर रईस के होश उड़ गए.
मानसिक रूप से परेशान ने पीड़ित रईस उज्जम ने अपनी पत्नी को सारी बात बताई. मौके पर पहुंची रईस की पत्नी ने डीएम साहब से कहा कि आप सही सत्यापन करने के बजाए उल्टे पति पर ही कार्रवाई की बात कर रहे हैं.
पति और पत्नी दोनों ही वहां मौजूद अधिकारियों से गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने एक न सुनी. पीड़ित एडीओ ने अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा कि जिस मामले में उनके ऊपर जांच कर दोषी ठहराने की कोशिश की जा रही है वह बिलकुल गलत है.
यहां तक कि एडीओ रईस उज्जम ने खंड विकास अधिकारी के पैर भी पकड़े लेकिन खंड विकास अधिकारी ने चलती कार से उन्हें धक्का दे दिया जिससे रईस उज्जम ने सड़क पर गिर गए और बेहोश हो गए. बेहोशी की हालत में उनको अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
कौशांबी जिले के देवरा, एदिलपुर व थांभा गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना और लोहिया आवास योजना के लाभार्थियो का चयन ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी ने किया था. मामले की जांच कर रहे एडीओ कोऑपरेटिव रईस उज्जम ने स्थलीय सत्यापन के दौरान पाया कि पचास प्रतिशत लाभार्थी अपात्र हैं.
ऐसे लाभार्थियों से ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान ने मोटी रकम की वसूली थी. जिन लाभार्थियों को आवास दिया गया है उसमे से कुछ आवास मौके पर मौजूद ही नही हैं. जो मौजूद भी है वो भी पूरे तरह बने नही हैं.
पूरे मामले की जांच रिपोर्ट एडीओ कोऑपरेटिव ने प्रदेश सरकार समेत जिलाधिकारी को भेज दिया था. जिस पर डीएम ने ग्राम विकास अधिकारी मोहम्मद नसर को निलंबित कर दिया था.
जांच के दौरान दोषी मिले दूसरे भ्रष्ट अधिकारियों के बचाव में उतरते हुए उल्टे एडीओ कोऑपरेटिव रईस उज्जम के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की धौंस दे रहे हैं.
रईस उज्जम की पत्नी को मिली थी धमकी
एडीओ कोऑपरेटिव रईस उज्जम ने तीन दिन पहले मीडिया को दिए बयान में जिले के आलाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया था. सही सत्यापन करने के बाद उनकी पत्नी को फोन पर विधवा बनने की धमकी ही नही मिली थी, बल्कि देर रात आवास पर पत्थर बाजी भी की गई थी.
इस मामले में मंझनपुर पुलिस ने ग्राम विकास अधिकारी मोहम्मद नसर और प्रधान के बेटे सुघर सिंह के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है. इतना सब कुछ होने के बाद जब मामला इंडिया न्यूज़ ने प्रमुखता से दिखाया तो आलाधिकारियों में हड़कंप मच गया. वहीं पीड़ित अधिकारी रईस उज्जम सीएम योगी आदित्यनाथ से भी गुहार लगा चुके हैं फिर भी वह अपनी ईमानदारी सजा भुगत रहे हैं.