झांसी. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को झांसी के दौरे पर पहुंचे. जब योगी झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज पहुंचे तब उनसे जूनियर डॉक्टर अपनी समस्याओं और समस्याओं का ज्ञापन लेकर सीएम से मिलने गए थे. लेकिन उन्हें कथित तौर पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसकी पुष्टि एम्स के डॉक्टर दत्ता ने ट्विटर पर खबर साझा करके की.यूनाइटेड आरडीए (रजिस्टर्ड रेजिडेंट डॉक्टर्स ऑर्गनाइजेशन) ने भी इसकी पुष्टि की थी.
आरडीए ने दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और बिना किसी कारण के उन्हें थाने ले गई. बाद में आरडीए यूपी अध्यक्ष ने पुष्टि की कि डॉक्टरों को रिहा कर दिया गया है, डॉ दत्ता ने इसे ट्विटर पर साझा किया. FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन मामले की जांच कर रही है. इसका उद्देश्य वास्तव में जो हुआ उसकी तह तक जाना है.
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता था कि यह सबसे बड़ा कोरोना ग्रसित प्रदेश बन जाएगा, यहां 25 अप्रैल से 10 मई के बीच प्रतिदिन एक लाख केस आएंगे. लेकिन हमने इस संक्रमण से सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी और यह समस्या नहीं आने दी. कोरोना वॉरियर्स और जनता के सहयोग से हम मजबूती से कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को लड़ रहे हैं.
प्रदेश में 24 अप्रैल को सबसे ज्यादा 38 हजार केस सामने आए थे. आज प्रदेश में यह संख्या घटकर चार हजार पहुंच गई है. वहीं एक्टिव केस की संख्या तीन लाख 10 हजार से घटकर 84000 तक पहुंच गई है. हम लोगों ने पिछले 22 दिनों के अंदर दो लाख 26 हजार से भी अधिक सक्रिय मरीजों को ठीक किया.
वहीं मुख्यमंत्री के दौरे के बीच अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे जूनियर डॉक्टरों को पुलिस ने खदेड़ दिया और चार को गिरफ्तार भी कर लिया. 15 मिनट तक कमांड सेंटर का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के सभागार में पहुंचे. यहां उन्होंने झांसी मंडल के जनप्रतिनिधियों, जिले के अधिकारियों व मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. मंडल के जालौन और ललितपुर जिले के जिलाधिकारी व अन्य अफसर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक में जुड़े रहे.
बैठक में सीएम ने जनप्रतिनिधियों व अफसरों से सीधा संवाद कर कोरोना की दूसरी लहर के दरम्यान सामने आईं कमियों व तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की.
लगभग एक घंटे की बैठक के बाद मुख्यमंत्री किसी एक गांव के औचक निरीक्षण के लिए जाएंगे. बिरगुवां व मुस्तरा गांव जाने की ज्यादा संभावना है. गांव में वे तकरीबन एक घंटा गुजारेंगे. इस दरम्यान गांव में उपलब्ध स्वास्थ्य संसाधनों का हाल जानेंगे.
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