लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लाखों राज्यकर्मियों को अपने सैलरी की सुध-बुध ही नहीं है। इन कर्मचारियों ने सरकार के आदेश के बाद भी अभी तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी अब तक 58 प्रतिशत कर्मी अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दे पाए हैं। इन कर्मियों […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लाखों राज्यकर्मियों को अपने सैलरी की सुध-बुध ही नहीं है। इन कर्मचारियों ने सरकार के आदेश के बाद भी अभी तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी अब तक 58 प्रतिशत कर्मी अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं दे पाए हैं। इन कर्मियों ने अगर दो दिन में ब्यौरा नहीं दिया तो सबकी सैलरी रोक ली जाएगी।
बता दें कि 8.34 लाख राज्यकर्मियों में से महज 3.47 लाख ने ही अब तक मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का डिटेल दिया है। 4.87 लाख राज्यकर्मी यानी 58 प्रतिशत ने अब तक विवरण नहीं दिया है। इन कर्मिकों को 31 अगस्त रात 12 बजे का वक़्त दिया गया है। अगर फिर भी ये विवरण नहीं दे पाते हैं तो इन्हें अगस्त महीने का वेतन नहीं मिलेगा।
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के अनुसार राज्य के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वो मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का वार्षिक विवरण दें। सरकार ने यह कदम सरकारी कर्मचारियों के संपत्ति विवरण की पारदर्शिता और सटीकता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया है।
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