अलीगढ़: तीन तलाक के मुद्दे पर अब मुस्लिम महिलाएं खुलकर सामने आ रही हैं. तीन तलाक का मुद्दा अलीगढ़ में भी गरमाया हुआ है. यही वजह है कि शुक्रवार को वर्षों से न्याय की आस में भटक रहीं दो मुस्लिम महिलाओं ने अखिल भारत हिंदू महासभा के दफ्तर में आयोजित ‘हवन’ में हिस्सा लिया.
मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली फैजा और सलमा ने कहा कि अब वे मुस्लिम महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को ज्यादा दिन तक होने नहीं देंगी. इस मौके पर संकल्प लिया कि तीन तलाक के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगी. किसी अन्य महिला का शोषण नहीं होने देंगी.
बताया जा रहा है कि अलीगढ़ के नौरंगाबाद में हिंदू महासभा के कार्यालय में महंत शकुन पांडे ने हवन का आयोजन किया था.
इन दोनों महिलाओं का दावा है कि उन्हें उनके पति ने तलाक दिया है. इस मौके पर इनके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे. फैजा का कहना है कि उनके पति ने सात साल पहले तीन बार तलाक बोलकर उन्हें तलाक दे दिया था.
अलीगढ़ इलाके की ढोहर्रा की निवासी ने कहा कि वे तीन बेटियों की मां हैं. वे उनकी जिम्मेदारियों पर चिल्लाती हैं. वे काफी परेशानियों का सामना करती हैं.
टप्पल की रहने वाली सलमा तलाक के बाद अपने माता-पिता के घर रहती हैं. तलाक के बाद उनके ससुराल वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया था. उनकी दो बेटियां हैं, जिसके लिए वे संघर्ष कर रही हैं.
इन दोनों पीड़ित महिलाओं को हवन के लिए लाने वाले कार्यकर्ता भुट्टो खान ने मुस्लिम समुदाय की रू़ढ़ियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मुस्लिम समाज इनकी मदद करता, तो आज ये लोग यहां नहीं होतीं. यह समय आ गया है कि समाज में इस तरकी कुप्रथाओं को बंद करना होगा.
हिंदू महासभा के राज्य उपाध्यक्ष गजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि इस तरह की तलाकशुदा महिलाओं के लिए वो मुफ्त में केस लड़ेंगे. इसके अलावा, इस मौके पर पांडेय ने कहा कि जिन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है, तो वे धर्म परिवर्तन करें, उन्हें पूरा संरक्षण व सुरक्षा दी जाएगी.