वाराणसी: यूपी में गैरकानूनी तरीके से रोजगार के अधिकार पर हमला करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए बूचड़खानों पर कार्यवाई के विरोध में मीट व्यापारियों ने विरोध-प्रदर्शन किया. मंमगलवार को मीट व्यापारियों ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में पीएम मोदी के जनसंपर्क ऑफिस पर प्रदर्शन किया.
ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के सभी मीट व्यापारी, कुरैशी समुदाय के लोग और भाकपा माले ने रेवारी तालाब इलाके में पहुंच कर अपना विरोध दर्ज कराया. बताया जा रहा है कि लगभग दो किलोमीटर तक पैदल चलकर ये सभी पीएम कार्यालय के नजदीक इकट्ठा हुए. हाथों में तख्तियां लिए व्यापारियों की मांग थी कि सभी बूचड़खानें चालू कराए जाएं और गो रक्षक दलों पर बैन लगाया जाए.’
इन सभी ने पीएम मोदी और सीएम योगी से बूचड़खानों को शुरू करने की मांग की. साथ ही इन लोगों ने ‘बंद करो, बंद करो, मीट सेलर्स के रोजगार पर हमला बंद करो जैसे नारे भी लगाएं’.
प्रदर्शन में शामिल मोहम्मद आसिफ ने कहा कि अपनी पसंद से रोजगार करना और जीवनयापन करना हमारा अधिकार है. जब से बूचड़खानें बंद किये गए हैं, तब से सैकड़ों मीट विक्रेता बेरोजगार हो गये हैं.
इस विरोध प्रदर्शन में गौरकक्ष दलों के खिलाफ भी आवाजें उठीं. प्रदर्शनकारियों ने गौरकक्ष दलों पर रोक लगाने की मांग की और अलवर में पहलू खान की हुई हत्या की भी निंदा की.
इस मौके पर मीट व्यापारी प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा. हालांकि, मिनी पीएम कार्यालय में मौजूद अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि उनकी बात को पीएम मोदी तक पहुंचा दिया जाएगा.
इस प्रदर्शन में शामिल भाकपा माले नेता मनीष शर्मा ने कहा कि वाराणसी में करीब 2000 मीट कारोबारी होंगे, जो इस समय सरकार के फैसले से प्रभावित हैं. रोजगार के मामले में सरकार को वैकल्पिक रास्ते के बारे में सोचना चाहिए.
आपको बता दें कि यूपी में योगी सरकार के आते ही अवैध बूचड़खानों पर कार्यवाई हुई थी, जिसके बाद से वहां मीट व्यापारियों के रोजगार का संकट पैदा हो गया है.