नई दिल्ली: जासूसी के आरोप में आज पाकिस्तान ने पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है. कुलभूषण जाधव पर आरोप है कि वो रिसर्च एंड एनालाइसिस विंग रॉ के लिए काम करते थे. हालांकि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव से जुड़ा एक भी दस्तावेज सामने नहीं ला सका है जिससे पुख्ता तौर पर उनके रॉ के एजेंट होने की पुष्टि हो.
कुलभूषण के परिवार और दोस्तों में शोक की लहर
उधर जबसे ये खबर आई कि कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई है तबसे उनके परिवार और शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ गई है. कुलभूषण के बचपन के दोस्त जितेंद्र शाह उन्हें लगातार याद करके रो रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी बस एक ही ख्वाहिश है कि सरकार कुलभूषण को जल्द से जल्द भारत लेकर आए.
विदेश मंत्रालय ने पाक उच्चायुक्त को तलब किया
इधर मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित को तलब किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुलभूषण के मामले में पाकिस्तान ने न्याय के मूल सिद्धांत का भी पालन नहीं किया. भारत के लोग इसे पहले से ही तय की गई हत्या ही मानेगी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त को बताया तक नहीं गया कि कुलभूषण जाधव को पेशी के लिए ले जाया जा रहा है.
अपने ही प्रधानमंत्री को फांसी देने वाले पाकिस्तान में कुछ भी हो सकता है: ए एस दुलत
इस मामले पर पूर्व रॉ प्रमुख ए एस दुलत ने कहा कि पाकिस्तान में कुछ भी हो सकता है, वो इतिहास में अपने पूर्व प्रधानमंत्री को भी फांसी पर लटका चुके हैं.
उधर पाकिस्तान की ही जेल में बंद रहे दिवंगत सरबजीत कौर की बहन दलबीर कौर ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा के फैसले पर कहा कि पाकिस्तान ने ठीक इसी तरह का व्यवहार उनके भाई के साथ भी किया था. इसलिए पाकिस्तान के इस फैसले से उन्हें कोई ताज्जुब नहीं हुआ.