बस्ती. अखिलेश यादव की सरकार में आबकारी एवं खेलकूद राज्यमंत्री रहे रामकरन आर्य को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. उनके ऊपर 22 साल पहले बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल के चचेरे भाई शंभू पाल की हत्या का आरोप लगा था.
इस मामले में उनको अदालत ने दोषी पाया है. रामकरन आर्य को इलाके में दबंग नेता के तौर पर जाना जाता है. वह अपने विवादित बयानों के लिए भी मशहूर रहे हैं.2012 के विधानसभा चुनाव में राम करन आर्य बस्ती के महादेवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे.
यूपी विधानसभा चुनाव के समय राम करन आर्य ने बीजेपी को बड़ा शैतान और कांग्रेस को छोटा शैतान कह दिया था. उनके बयान पर अच्छा-खासा हंगामा मच गया था.
इससे पहले एक एक चुनावी रैली में उन्होने कहा था कि जो उनको वोट नहीं देगा वह उनका सगा नहीं है. इतना ही नहीं उनको कहा मतदान के दिन जो भी सपा को वोट देगा वही उनका असली रिश्तेदार है.
क्या था शंभूपाल हत्याकांड
24 नवंबर 1994 को शंभूपाल की सुभाष तिराहे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. ये हत्या दोपहर 12 बजे की गई थी. राम करन आर्य ने अपने गनर से बंदूक लेकर शंभूनाथ को गोली मारी थी.
बताया जाता है कि शंभूनाथ किसानों की सभा में हिस्सा लेने जा रहे थे तभी किसी बात पर उनका राम करन से झगड़ा हो गया था. लोगों का कहना है कि शंभूनाथ की जीप से राम करन के वाहन में ठोकर लग गई थी इसी बात पर दोनों मे कहासुनी हो गई थी और मामला इतना बढ़ गया कि राम करन आर्य ने गुस्से में आकर गोली चला दी.