झारखंड : झारखंड में आरएसएस क्रिस्टियानिटी फ्री का अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत आरएसएस ने पिछले एक महीने में 53 ईसाई परिवारों को हिंदू धर्म में धर्मवापसी कराने में सफलता हासिल की है. इसका दावा खुद आरएसएस के वर्कर ने किया है.
बताया जा रहा है कि ये जिन परिवारों का धर्म परिवर्तन कराया गया है, वे सभी परिवार सिंदरी पंचायत के अंतर्गत आते हैं, जो मुख्य रूप से खनिज के लिए जाना जाता है. बताया जा रहा है कि इस इलाके में पिछले दस सालों से ईसाइयों ने कब्जा जमा रखा है.
आरएसएस के सूत्रों ने कहा कि इस घर वापसी का अभियान अप्रैल में भी जारी रहेगा.
इस कैंपेन के नेतृत्वकर्ता आरएसएस के संयोजक और जिले के भाजपा उपाध्यक्ष लक्ष्मण मुंडा के मुताबिक, आप इसे धर्म परिवर्तन नहीं कह सकते. हम अपने भूले-बिछड़े भाई-बहनों को पुन: उनके धर्म में वापस ला रहे हैं.
उन्होंने कहा कि क्रिस्चियानिटी फ्री ब्लॉक चाहते हैं. ग्रामवासी जल्द ही अपने जड़ों में लौट जाएंगे.
उन्होंने ईसाई मिशनरियों पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां के आदिवासी ईसाई मिशनरी के लालच में आकर अपना धर्म बदल लेते हैं.
इसके अलावा आरएसएस और उनकी सहयोगी संस्थाओँ ने यह आरोप लगाया कि इन आदिवासी लोगों को डरा-धमका कर उनका उन्हें इसाई धर्म में बदलवा दिया जाता है.
बताया जा रहा है कि बीते 7 अप्रैल को कम से कम सात परिवारों, जिनमें कुछ आदिवासी और गैर आदिवासी दोनों शामिल थे, उनका गांव में शुद्धिकरण समारोह में शुद्धिकरण कराया गया और माथे पर चंदन लगाकर हिंदू धर्म में वापस लाया गया.
आपको बता दें कि झारखंड में तेजी से इसाई मिसनरियों का प्रभाव बढ़ रहा है. इसे लेकर खुद राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चिंता व्यक्त की थी और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी.