लखनऊ. उत्तर प्रदेश में एक हफ्ते के अंदर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि इस फेरबदल में सिर्फ उच्चाधिकारी ही नहीं जिला और तहसील के स्तर के अधिकारियों के विभाग बदले जा सकते हैं.
अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, प्रमुख सचिव, मुख्य सचिव (गृह) और कई मंत्रालयों के अधिकारियों से उनकी मौजूदा जिम्मेदारी लेकर ट्रांसफर किया जा सकता है. वहीं थानों में तैनात कोतवालों का भी बड़े पैमाने पर ट्रांसफर होने के आसार हैं.
गौरतलब है कि पिछली सरकार में एक जाति विशेष से ही थानेदार बनाए जाने का आरोप लगता रहा है जबसे नई सरकार आई है कई थानेदारों ने अपने नाम के आगे से टाइटिल नेम हटा लिया है लेकिन सरकार की नजर ऐसे अधिकारियों पर है.
इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी अधिकारियों की भी कुर्सी छीनी जा सकती है जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं लेकिन हर सरकार में वह महत्वपूर्ण पदों पर सालों से बैठे हैं. माना जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार से समझौता न करने की नीति पर काम रही है.
ऐसे में इन अधिकारियों को हटाना बेहद जरूरी है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार नई सरकार आने के बाद भी ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल नहीं शुरू हुआ है.
पिछले कई सालों से देखा जा रहा था कि सरकार बदलते ही अधिकारियों की लॉबिंग शुरू हो जाती थी और मलाईदार पदों पर तैनातगी के लिए तगड़ा खेल चलता था.
लेकिन सीएम योगी ने आते ही भ्रष्ट अफसरों की पहचान के लिए दो लोगों की कमेटी बना दी है माना जा रहा है कि इसी समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही आधिकारियों पर फैसला लिया जाएगा.
नई सरकार आने के बाद से ही सीएम योगी ने सिर्फ एक ही पोस्टिंग पर मुहर लगाई है. उन्होंने ईमानदार छवि के आईएसएस अधिकारी रिग्जियान सैम्फिल को विशेष सचिव मुख्यमंत्री बनाया है.