पटना. राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी और पूर्व विधान पार्षद अनवर अहमद के खिलाफ सीबीआई ने कार्रवाई की है. उनके ऊपर कालेधन को सफेद (मनी लॉड्रिंग) करने का आरोप है.
जांच ऐजेंसी ने उनके अवामी को-ऑपरेटिव बैंक, सब्जीबाग स्थित उनके आवास और फुलवारीशरीफ स्थित अल राबिया एडुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट पर एकसाथ छापा मारा.
सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले हैं जिनका संबंध मनी लॉड्रिंग से है.बताया जा रहा है कि सीबीआई ने छापा मारने से पहले अनवर अहमद और उनके तीन रिश्तेदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है.
हालांकि सीबीआई की इस छापेमारी में अनवर अहमद के खिलाफ क्या सबूत मिले हैं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है. लेकिन नोटबंदी के बाद से ही अनवर अहमद कई एजेंसियों के राडार पर आ गए थे.
13 जनवरी को पड़ा था आयकर छापा
इसी साल 13 जनवरी को अनवर अहमद की अध्यक्षता वाली अवामी को-ऑपरेटिव बैंक सहित उनके घर और व्यवसायिक जगहों पर छापा मारा था. इस छापे में बैंकों के 60 फर्जी खाते में मिले थे.
जिनमें 500 और 1000 के नोटों को जमा कराया गया था और उसके बाद इस पैसे को दूसरी बैंको के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था.
जिन नामों से ये फर्जी खाते खोले गए थे उनको इन खातों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसके बाद से ही अनवर अहमद का खेल सबके सामने आ गया तभी आयकर विभाग ने इस पूरे मामले की शिकायत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी और सीबीआई से की थी.
हो सकता है बड़ा खुलासा
गौरतलब है कि नोट बंदी के बाद से फर्जी खाते खोलकर जमा किए रुपयों की जानकारी जांच एजेंसियां जुटा रही हैं. ये कार्रवाई इसी के तहत की जा रही है.
सूत्रों की मानें तो आने वाले समय में ऐसी ही कई और खुलासे हो सकते हैं जिनमें कई बड़ी मछलियां जाल में फंस सकती हैं.