श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सेना के जवानों का एक और बहादुरी भरा कारनामा सामने आया है. बर्फबारी के कारण फंसी एंबुलेंस को सही समय पर निकालकर सेना के जवानों ने एक साथ दो जिंदगियां बचाई हैं.
दरअसल, बताया जा रहा है कि गुरुवार की रात करीब 1.30 बजे बांदीपुर के रहने वाले अब्दुल अहद खान अपनी गर्भवती पत्नी को एंबुलेंस से अस्पताल ले जा रहे थे. मगर इसी दौरान हिमस्खलन के कारण एंबुलेंस फंस गई और रास्ते पर ही खराब हो गई. एंबुलेंस के ड्राइवर ने गाड़ी को किसी तरह से निकालने की पूरी कोशिश की, मगर वो गाड़ी को निकालने में नाकामयाब रहा. जब गाड़ी पूरे दो घंटे तक वहीं फंसी रही और गर्भवती दर्द से कराहने लगी, तो फिर ड्राइवर ने समझदारी दिखाकर उसने एंबुलेंस का सायरन बजाना शुरू कर दिया.
तभी सायरन सुनकर राष्ट्रीय राइफल्स के जवान वहां आ गये और उन्होंने देखा कि गर्भवती महिला की हालत गंभीर होती जा रही है. फिर उन्होंने फंसी गाड़ी को निकालने के लिए धक्का लगाना शुरू कर दिया. उन्होंने कुछ देर तक गाड़ी को स्टार्ट करने के लिए धक्का लगाया. जवानों ने करीब पांच सौ मीटर तक गाड़ी को धक्का लगाया और तब जाकर गाड़ी स्टार्ट हो पाया. इतना ही नहीं, जवानों ने ड्राइवर को दूसरी सड़क से श्रीनगर जाने का रास्ता भी बताया.
करीब 12 घंटे बाद गर्भवती महिला के पति खान ने जवानों की कंपनी कमांडर एस के बाला को फोन किया और समय पर मदद पहुंचाने के लिए जवानों को शुक्रिया कहा. साथ ही खान ने ये भी सूचना दी कि उनकी पत्नी सुरक्षित है और उसने लाल डेड अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया है.
अब्दुल अहद खान ने एक अखबार से कहा कि कि अगर सेना के जवान समय पर मदद को नहीं आते तो कुछ भी हो सकता था. उन्होंने कहा कि अगर मेरी पत्नी और बच्चा जिंदा हैं, तो सिर्फ और सिर्फ जवानों की बदौलत से. उन्होंने जवान और उनके परिवार की सलामती की दुआ भी की.
गौरतलब है कि कुछ दिनों से जम्मू-क्श्मीर में जीवन अस्त-व्यस्त चल रहा है. बर्फबारी और बारीश से वहां बाढ़ के हालात बने हुए हैं. इस बीच सेना के जवान स्थानीय लोगों की मदद के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रही है.