मुंबई. मजलिस लीगल सेंटर द्वारा प्रोजेक्ट ‘राहत’ की एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि मुंबई में रेप के ज्यादातर मामलों में आरोपी करीबी होते हैं. 1 मार्च 2014 से 31 मार्च 2015 के बीच दायर किए गए एफआईआर के जरिए फाउंडेशन ने कहा है कि रेप के 100 फीसदी मामले में 76.7 फीसदी रेपिस्ट पीड़ित का जानना वाला या कोई करीबी ही होता है.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसे 241 मामले में 185 मामले पीड़ित द्वारा 72 घंटे के बाद दायर की जाती है. यह 59 फीसदी या 109 केस महीने या सालभर बाद दर्ज कराई जाती है. इसी के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो 90 फीसदी मामले में रेपिस्ट करीबी होते हैं जिनमें 16 फीसदी परिवार वाले होते हैं. 73 फीसदी रेप के मामले ऐसे भी होते हैं जो सबसे करीबी यानी पिता या सौतेले पिता द्वारा किए जाते हैं.
मजलिस की संस्थापक और वकील फ्लाविया एग्नेस ने कहा, ‘रेप के ज्यादातर मामलों में शिकायत में देरी की वजह समाज में बदनामी होती है. जब परिवारवालों को यह पता चलता है कि रेपिस्ट करीबी है तो इसके बाद परिवार वाले इन मामलों की शिकायत करने से पीछ हटते हैं. पुलिस की पूछताछ भी इसका एक कारण होती है.’
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