नई दिल्ली : बिहार चुनावों में दुश्मनी भुलाकर साथ आए जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के बीच की खटास धीरे-धीरे सामने आ रही है. इस खटास का असर सरकार के कामकाज पर भी पड़ रहा है क्योंकि आपसी खींचतान में कई बड़े निर्णय अधर में लटके हुए हैं.
दोनों दलों के बीच की खटास एक बार तब सामने आई थी जब बिहार दिवस समारोह के आमंत्रण कार्ड पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम नहीं छापा गया था. तब आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव का पूरा परिवार समारोह में शामिल नहीं हुआ था.
आरजेडी और जदयू आमने-सामने
अब दिल्ली नगर निगम चुनावों के मामले में दोनों की तकरार सामने आई है. बता दें कि आरजेडी ने अकेले एमसीडी चुनावों में लड़ने का फैसला किया है जबकि जदयू भी पहले ही एमसीडी चुनावों में लड़ने का ऐलान कर चुकी है.
जदयू ने नगर निगम चुनावों के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. पूर्व विधान पार्षद संजय कुमार झा को दिल्ली का प्रभारी बनाया गया है. वहीं, सीएम नीतीश कुमार की भी दिल्ली में जनसभाएं करने की योजना है.
आरजेडी के इस फैसले के बाद अब एमसीडी चुनावों में दोनों दल आमने-सामने होंगे. आरजेडी करीब 60 से 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर सकती है. दोनों दलों की इस टकरार का असर आगे खुलकर भी देखने को मिल सकता है.