UP का कोई मंत्री क्यों नहीं बनना चाहता CM योगी का पड़ोसी?

उत्तर प्रदेश में बुधवार को 39 मंत्रियों को बंगले आवंटित किए गए हैं. लेकिन, एक बंगला ऐसा है जिसे कोई मंत्री नहीं लेना चाह​ता. इस बंगले को लेकर मंत्रियों में खौफ है जबकि यह कहीं दूर-दराज नहीं बल्कि मुख्यमंत्री आवास के बगल में है. फिर भी कोई मंत्री सीएम का पड़ोसी नहीं बनना चाहता.

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UP का कोई मंत्री क्यों नहीं बनना चाहता CM योगी का पड़ोसी?

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  • March 29, 2017 6:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बुधवार को 39 मंत्रियों को बंगले आवंटित किए गए हैं. लेकिन, एक बंगला ऐसा है जिसे कोई मंत्री नहीं लेना चाह​ता. इस बंगले को लेकर मंत्रियों में खौफ है जबकि यह कहीं दूर-दराज नहीं बल्कि मुख्यमंत्री आवास के बगल में है. फिर भी कोई मंत्री सीएम का पड़ोसी नहीं बनना चाहता.
 
बता दें कि आवास आवंटन समिति की अनुशंसा पर मंत्रियों को बंगले बांटे गए है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को कालिदास मार्ग पर सात नंबर बंगला दिया गया है, जहां पहले सपा नेता शिवपाल यादव रहते थे. यूपी के दूसरे उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को विक्रमादित्य मार्ग पर तीन नंबर बंगला दिया गया है. ये बंगला पहले आजम खान के पास था. 
 
पद गंवाने की मान्यता
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बुधवार को सीएम आवास में चले गए. लेकिन, उनके बगल वाले छह नंबर बंगले को किसी को नहीं दिया गया है. इसमें कोई मंत्री नहीं रहना चाहता क्योंकि इसे अपशगुनी माना जाता है. राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि इस बंगले में जो भी रहता है उसे अपना पद खोना पड़ता है. 
 
 
इस बंगले में रहने वाले पिछले कुछ नेताओं को अपना पद गंवाना पड़ा था. जब अमर सिंह इस बंगले में रहते थे तभी उनका सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से झगड़ा हुआ था. इसके बाद अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया था. 
 
फंसे बसपा सरकार के मंत्री 
कुछ ऐसा ही बहुजन समाज पार्टी में मंत्री रहे और कद्दावर नेताओं में से एक बाबू सिंह कुशवाहा के बारे में भी बताया जाता है. बसपा सरकार के दौरान कुशवाहा बंगला नंबर 6 में ही ​रहते थे. लेकिन, बाद में कुशवाहा का नाम सीएमओ हत्या मामले और कुछ घोटालों में सामने आ गया. 
 
एक मामला यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के करीबी नेता जावेद अब्दिी का भी है. अब्दिी को अखिलेश सरकार में राज्यमंत्री का पद मिला था और वो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन थे. भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उन्हें इन पदों से हटा दिया गया था. इसके बाद से मंत्रियों में कमरा नंबर 6 का खौफ बना हुआ है.

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