जोधपुर : मुस्लिम समाज में लागू तीन तलाक को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इसी बीच एक मुस्लिम लडक़ी ने तीन तलाक को कुरीति मानते हुए हिन्दू लडक़े संग ब्याह रचा लिया. एक मामला जोधपुर के करीब 150 किलोमीटर दूर फलोदी कस्बे का है.
तस्लीमा नाम की इस लड़की ने कहा कि हिंदु धर्म महिलाओं की इज्जत करना सिखाता है. हिंदु धर्म महिलाओं को बहन-बेटियों की नजर से देखना सिखाता है. जबकि इसके उलट मुस्लिम धर्म में कई कुरीतियां है जैसे कि आप कई शादियां कर सकते हैं.
फलौदी में हुई यह शादी पूरे कस्बे में चर्चा का विषय बन चुकी है. तस्लीमा और आशीष पुरोहित ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर एक दूसरे को अपना हमसफर चुना. इस फैसले में तस्लीमा की भूमिका बड़ी रही. उसने तीन तलाक को मुस्लिम समाज की कुरीति माना और सारे विरोध को दरकिनार कर अपनी पसंद से शादी की.
बता दें कि इससे पहले तीन तलाक का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना जा रहा है. इस मामले में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्रिपल तलाक को बैन करने का इशारा किया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यूपी विधानसभा चुनाव के बाद ट्रिपल तलाक पर बैन करने की दिशा में कदम उठा सकती है.
कोर्ट में सुनवाई केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर ये कहा है कि ट्रिपल तलाक, मर्दों को 4 शादी की इजाज़त और निकाह हलाला जैसे प्रावधान संविधान के मुताबिक नहीं हैं. इससे पहले 10 जनवरी और 7 अक्टूबर को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने ट्रिपल तलाक मामले का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया था. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि ट्रिपल तलाक महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव है.