आगरा. उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से चलाई जा रहीं निजी बसों को योगी सरकार जल्द ही बंद करने का फरमान सुना सकती है. आगरा और फिरोजाबाद में इन बसों को ‘नेता बस’ कहा जाता है.
मतलब इन बसों के मालिकों के पास न तो कागजात होते हैं और न ही आरटीओ की इजाजत, फिर भी राजनीतिक रसूख के चलते इन पर कोई रोक नहीं लगाता है.
स्थानीय लोगों की मानें तो इन जगहों पर ये बसें ‘मुलायम सिंह यादव ट्रैवेल्स’ और ‘लालू यादव ट्रांसपोर्ट’ नाम से जाना जाता है. आगरा की करीब 70 और फिरोजाबाद की 200 बसों में ये दो नाम लिखे आपको मिल जाएंगे ताकि इन धड़ल्ले से बिना रोकटोक के सड़कों पर चलाई जा सकें.
लेकिन सरकार बदलने के साथ ही अब इन पर कार्रवाई शुरू हो गई है और इनको सड़क से जल्द ही खदेड़ा जा सकता है. अधिकारियों की मानें तो ऐसी बस मालिकों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश आ चुका है.
इन बसों से होता है रोडवेज को नुकसान
आगरा रोडवेज के अधिकारियों की मानें तो इटावा, मैनपुरी, एटा, लखनऊ, दिल्ली, अलीगढ़ में चलने वाली ये बसें विभाग के लिए सरदर्द बन चुकी हैं.
इनके चलते हर महीने रोडवेज को 30 से 35 फीसद का नुकसान होता है. इतना ही नहीं यात्रियों के साथ हर रोज बदतमीजी की घटनाएं भी आम बात हो गई है.
लेकिन अब ऐसी बसों पर नजर रखी जा रही है. सिर्फ मार्च के महीने में इन के मालिकों पर 6 लाख तक कुल जुर्माना वसूला जा चुका है.
गौरतलब है कि इन बसों के कंडक्टर और ड्राइवर खुलेआम गुंडागर्दी करते थे लेकिन रसूख के चलते इनके खिलाफ किसी को बोलने की हिम्मत नहीं होती थी.