लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यभार संभालते ही कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए थे. सबसे पहले उन्होंने राज्य में चल रहे अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू की थी, जिसके चलते मीट और बीफ की सप्लाई में भारी कमी आ गई है.
इस कमी की वजह से लखनऊ के टुंडे कबाब के व्यापारियों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. लखनऊ की मशहूर ‘टुंडे कबाबी’ की दुकान सीएम योगी के इस फैसले की वजह से पिछले 110 सालों में पहली बार बुधवार को बंद रही.
बूचड़खानों पर सख्त कार्रवाई की वजह से मीट और बीफ की सप्लाई जरूरत के हिसाब से नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से माल खत्म होने के कारण बुधवार को यह दुकान कुछ समय के लिए बंद कर दी गई थी, हालांकि थोड़े समय बाद दुकान को फिर से खोल दिया गया था.
टुंडे कबाबी के मालिक अबु बकर का कहना है कि बूचड़खानों के बंद होने की वजह से मीट और बीफ की सप्लाई पर काफी कमी हो गई है, जिसकी वजह से दुकान पर अब सिर्फ चिकन ही बिक रहा है.
हालांकि दुकान के मालिक ने अवैध बूचड़खानों पर की जा रही कार्रवाई को सही कदम बताया है, साथ ही सीएम से अनुरोध किया है कि लाइसेंस वाले बूचड़खानों पर पाबंदी न लगाई जाए.
क्या है ‘टुंडे कबाबी’ का इतिहास
यह दुकान साल 1905 में लखनऊ के अकबरी गेट इलाके में शुरू हूई थी. इस दुकान के कबाब और पराठें पूरी दुनिया में मशहूर हैं, लेकिन मीट और बीफ की कमी से लोगों को इस दुकान पर अब केवल निराशा ही हाथ लग रही है. दुकान में काम करने वाले एक व्यक्ति का कहना है कि अगर ऐसी ही हालत रही तो शायद इस दुकान पर ताला भी लगाना पड़ सकता है.