लखनऊ. पूरे उत्तर प्रदेश में इस समय एंटी रोमियो अभियान की चर्चा हो रही है. हर जिले से खबरें आ रही हैं कि स्कूल, कॉलेज, दुकानों के पास से रोमियो को पकड़ा जा रहा है. ऐसा ही एक और अभियान शुरू किया गया है जिसका नाम दिया जा रहा है एंटी चियर्स अभियान जिसमें सार्वजनिक […]
लखनऊ. पूरे उत्तर प्रदेश में इस समय एंटी रोमियो अभियान की चर्चा हो रही है. हर जिले से खबरें आ रही हैं कि स्कूल, कॉलेज, दुकानों के पास से रोमियो को पकड़ा जा रहा है.
ऐसा ही एक और अभियान शुरू किया गया है जिसका नाम दिया जा रहा है एंटी चियर्स अभियान जिसमें सार्वजनिक स्थलों पर अब दारू पीने वालों को भी पुलिस पकड़ रही है.
जब से योगी सरकार आई है तब से अवैध बूचड़खानों पर भी कार्रवाई की जा रही है. हर जिले से खबरें आ रही हैं. ऐसा लग रहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश मे महीने भर में सब कुछ ठीक हो जाएगा.
इतना ही नहीं सरकारी दफ्तरों में पान-गुटखा चबाने के खिलाफ भी फरमान सुना दिया गया है. प्लाष्टिक के इस्तेमाल पर भी रोक लग गई है. टीवी चैनलों में योगी आदित्यनाथ के ‘नायक’ और यूपी पुलिस के सिंघम अवतार की तारीफ हो रही है.
लेकिन इन सबके बीच भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को इन सवालों के बारे में भी सोचना चाहिए क्योंकि अगर कानून का फंदा अपराधियों पर अच्छा लगता है खुले में सांस लेने की आदी हो चुकी है.
क्या हैं वो सवाल
हालांकि डीजीपी जावीद अहमद ने आश्वासन दिया है कि पुलिस किसी को भी नैतिकता का पाठ नहीं पढ़ाएगी यानी मॉरल पुलिसिंग नहीं की जाएगी. लेकिन ये बातें थानें में कितनी मानी जाती हैं और पुलिसकर्मी इसका कितना मतलब निकाल पाते हैं ये भी आशंका से परे नहीं है.