योगी सरकार के एक फैसले की वजह से लखनऊ में नहीं मिल रहे टुंडे कबाब

लखनऊ. अगर आप लखनऊ के अकबरी गेट पर बनने वाले टुंडे कबाब खाने के शौकीन हैं तो यह खबर आपको झटका दे सकती है क्योंकि उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की वजह से मांस की कमी हो गई है.

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योगी सरकार के एक फैसले की वजह से लखनऊ में नहीं मिल रहे टुंडे कबाब

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  • March 23, 2017 10:28 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ.  अगर आप लखनऊ के अकबरी गेट पर बनने वाले टुंडे कबाब खाने के शौकीन हैं तो यह खबर आपको झटका दे सकती है क्योंकि उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की वजह से मांस की कमी हो गई है.
टुंडे कबाब बनाने वाली दुकान के मालिक अबू बकर मीडिया से कहते हैं कि पिछले 100 सालों ने उनका परिवार यहां इस काम में लगा हुआ है. पहली बार इस तरह के हालात का सामना कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बाकी दुकानें वैसी चल रही हैं क्योंकि वो लोग मटन कबाब और चिकन कबाब बनाते हैं. लेकिन उनके यहां सिर्फ टुंडे कबाब ही बनता है जो पूरी दुनिया मशहूर है.
बकर ने बताया कि बुधवार को पूरा दिन दुकान बंद थी. गुरुवार को दुकान खोली तो गई लेकिन बुफैलो (भैंसे) का मांस दुकान तक नहीं आया. उनके इस समय सिर्फ चिकन और मटन कबाब ही मौजूद है.
अबू बकर दुकान में सिर्फ ही ग्राहक देखकर काफी दुखी हैं. उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा कि वह जल्द से जल्द बुफैलो मीट दुकानों तक पहुंचान के लिए रास्ता खोजें नहीं तो रोजी-रोटी संकट पर आ जाएगा.
गौरतलब है कि यूपी में योगी सरकार आते ही पूरे देश में अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई शुरू हो गई है. इलाहाबाद, मेरठ, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी सहित पूरे प्रदेश में बूचड़खानों को बंद कर दिया गया है.
अकेले गाजियाबाद में ही 10 बूचड़खानों को अवैध बताकर बंद कर दिया गया है. अचानक हुई ऐसी कार्रवाई से मीट व्यापार को तगड़ा धक्का पहुंचा है. लेकिन बीजेपी सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में ही इसकी घोषणा की थी.
 

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